बैंकों के करोड़ों रुपए लेकर चपत होने वाले विजय माल्या की तारीफ में अब केंद्रीय मंत्री कसीदे पढ़ रहे हैं. केंद्रीय मंत्री जुएल ओराम ने आदिवासियों को प्रोत्साहित करने के लिए भगोड़े कारोबारी विजय माल्या का उदाहरण दिया है. शुक्रवार को हैदराबाद में राष्ट्रीय जनजातीय आंत्रप्रेन्योर कॉन्क्लेव 2018 को संबोधित करते हुए ओराम ने कहा कि लोग विजय माल्या की आलोचना करते हैं, लेकिन कौन है माल्या? वह एक स्मार्ट व्यक्ति है. उसने पहले तो होशियार लोगों को काम के लिए रखा और फिर बाद में बैंकों, सरकार और राजनीतिज्ञों को अपने प्रभाव में लिया.
इतना ही नहीं, ओराम ने माल्या का उदाहरण देते हुए यह भी कहा कि आपको स्मार्ट बनने से कौन रोकता है? आपसे कौन कहता है कि आदिवासी सिस्टम पर अपना प्रभाव नहीं दिखा सकते? आपको बैंकों को प्रभावित करने से भी कौन रोकता है? हालांकि इतना सब कहने के बाद में सफाई देते हुए ओराम ने कहा कि गलती से माल्या का नाम बोल गया. मैं किसी और का नाम लेना चाहता था. माल्या पर बैंकों का 9 हजार करोड़ से ज्यादा कर्ज है. वो मार्च 2016 में वह लंदन चला गया था और भारत ने उसे भगोड़ा करार दिया है.
इस बयान के बाद मंत्री जुएल ओराम ने आरक्षण को नुकसान बता दिया. ओराम ने कहा कि अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों को शिक्षा, नौकरियों और राजनीति में आरक्षण मिलता है, लेकिन इसका नुकसान है. इसके कारण इस समुदाय के लोगों के ज्ञान और प्रतिभा का आकलन अन्य लोगों की तरह नहीं किया जाता. इसके बाद उन्होंने आदिवासियों को अपना पहचान नहीं छुपाने के लिए कहा. उन्होंने कि एससी-एसटी समुदाय के लोग अपने सरनेम को छिपाते हैं. उन्हें समाज में अलग-थलग पड़ने का डर होता है. लेकिन आप ऐसा न करें.