बिना आरटीपीसीआर पहुंचे यात्रियों को लौटाया जा रहा एयरपोर्ट से
भोपाल। अनलॉक और खुले सफर के बीच अब यात्रियों के लिए सरकारी गाइडलाइन नई परेशानी बनकर खड़ी हो गई है। कोरोना टेस्ट की 48 घंटे की वैधता और चाहे गए समय पर फ्लाइट टिकट मिल जाने का तालमेल बनना मुश्किल हो रहा है। एयरलाइंस द्वारा टिकट बुकिंग के समय नियमों की सही व्याख्या न करने से भी मुसाफिरों को टिकट की मोटी रकम खो देने के हालात बन रहे हैं।
राजधानी भोपाल के राजाभोज एयरपोर्ट से सफर करने वाले मुसाफिरों की तादाद से ज्यादा ऐसे यात्रियों की बन रही है, जिन्हें कोरोना टेस्ट रिपोर्ट न होने के चलते वापस लौटाया जा रहा है। सरकारी नियमों के मुताबिक एयरलाइंस द्वारा कोविड टेस्ट की रिपोर्ट की वैधता 48 घंटे तय की गई है। ऐसे में किसी व्यक्ति द्वारा यात्रा योजना बनाते समय यह टेस्ट करवाया और समय पर रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई तो उसका सफर करना मुश्किल है। इधर कोविड टेस्ट की रिपोर्ट और टिकट उपलब्धता के समय में तालमेल को लेकर भी लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
बोर्डिंग पास जारी, यात्रा रद्द
मुंबई के सफर के लिए इंडिगो एयरलाइंस की फ्लाइट लेने के लिए पहुंचे जफर आलम खान और जितेन्द्र सिंह करण को महज इसलिए सफर से रोक दिया गया कि उनके पास कोविड टेस्ट रिपोर्ट समय पर नहीं पहुंच पाई थी। टेस्ट कराने का मैसेज दिखाने के बाद भी उन्हें सफर के करने के लिए अनुमति नहीं मिल पाई। जफर बताते हैं कि मुंबई जाने वाले यात्रियों के लिए खासतौर से लगाई गई इस पाबंदी के चलते करीब 15 यात्रियों को एयरपोर्ट से वापस आना पड़ा। वे बताते हैं कि ऐसे हालात हरदिन बन रहे हैं, जब यात्रियों को अपनी यात्रा रद्द कर घर लौटना पड़ रहा है।
सरकारी और निजी एयरलाइंस का फर्क
जानकारी के मुताबिक एयर इंडिया द्वारा यात्रियों को फ्लाइट लेने से कई घंटों पहले टेलिफोनिक सूचना दी जाती है कि उनकी यात्रा कब शुरू होगी। इस दौरान यात्रियों को कोविड के अलावा भी अन्य नियमों की जानकारी दी जाती है। जिसके लिहाज से वे अपनी तैयारियों के साथ एयरपोर्ट पहुंच सकते हैं। लेकिन इंडिगो द्वारा यात्रियों को इस तरह की सूचना न देने के चलते उन्हें ऐन वक्त पर परेशानियां उठाना पड़ रही हैं।
लग रहा बड़ा झटका
तय शेड्यूल की यात्रा निरस्त होने से हुए नुकसान के साथ मुसाफिरों को टिकट की राशि वापस न मिल पाने से भी बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। एयरलाइंस का कहना है कि सरकारी नियमों का पालन करने के लिए वे बाध्य हैं। बिना उचित सर्टिफिकेट के वे किसी मुसाफिर को विमान में सवार नहीं कर सकते। साथ ही यात्रा निरस्त होने पर किसी तरह का रिफंड देने का उनका प्रावधान भी नहीं है।
पहले से क्यों नहीं बताए जाते नियम
एयरपोर्ट से वापस लौटा दिए गए यात्री जफर आलम खान का कहना है कि टिकट बुकिंग कराते समय निजी एयरलाइंस द्वारा किसी तरह के नियमों की जानकारी नहीं दी जाती है। उनकी ऑफिशियल वेबसाइट या व्हाट्सअप चैट पर भी आरटीपीसीआर के लिए उचित व्याख्या नहीं की गई है। एयरपोर्ट पर पहुंचने और लॉबी तक पहुंचने के बीच भी कई तरह की सुरक्षा जांचें होती हैं, उसके बाद बोर्डिंग पास जारी किया जाता है। लेकिन इस दौरान भी सर्टिफिकेट की बात नहीं की जाती है। ऐन यात्रा से पहले यात्रियों को सर्टिफिकेट की कमी के कारण सफर से रोक दिया जाता है। जफर आलम का कहना है कि निजी एयरलाइंस अपने कारोबार और कमाई के लिए लोगों के साथ धोखा कर रही हैं। उन्हें यात्रियों टिकट बुकिंग करते समय, एयरपोर्ट में प्रवेश के समय या बोर्डिंग पास जारी करते समय यह जानकारी देना चाहिए, ताकि यात्री अपनी वैकल्पिक व्यवस्था कर सकें।