संसद में हमले के मास्टरमाइंड अफजल गुरू के बेटे गालिब का आधार कार्ड बन गया है। और ग़ालिब इसे साझा करते हुए काफी गर्व महसूस कर रहे हैं। लेकिन साथ ही ग़ालिब ने ये भी कहा की अगर भारतीय पासपोर्ट बन गया होता तो उन्हें ज़्यादा गर्व होता। गालीब फिलहाल नीट की तैयारी कर रहा है और डॉक्टर बनना चाहता है। उसने अच्छे नंबरों से 10वीं और 12वीं की परीक्षा पास की है।
ग़ालिब ने बताया कि, आज उसके पास भारतीय दस्तावेज़ के तौर पर कुछ तो है।8 साल के गालिब ने कहा, ‘अब कम से कम मेरे पास दिखाने के लिए एक कार्ड तो है, मैं बहुत खुश हूं।’ गालिब अपने नाना गुलाम मोहम्मद और मां तबस्सुम के साथ रहते हैं। गालिब को अब पासपोर्ट का इंतजार है और वह कहता हैं, ‘मुझे तब और ज्यादा गर्व होगा जब मुझे मेरा पासपोर्ट मिल जाएगा।’ गालिब मेडिकल एंट्रेस एग्जाम NEET की तैयारी कर रहा हैं, जो 5 मई को होनी है।
ग़ालिब ने आगे कहा, ”अगर मैं यहां क्वालिफाइ नहीं कर पाता हूं तो मैं विदेश जाना चाहूंगा। तुर्की में एक कॉलेज है, जो मुझे इसके लिए बाद में स्कॉलरशिप भी दे सकता है।’ वह कहता है कि वह अपने पिता का सपना पूरा कर रहा हैं। हमने पहले हुई गलतियों से ही सबक सीखा है। मेरे पिता अपना मेडिकल करियर पूरा नहीं कर सके और मैं इसे पूरा करना चाहता हूं।’ गालिब बताते हैं कि सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें कभी परेशान नहीं किया बल्कि हमेशा प्रोत्साहित किया।
पिता अफजल गुरु के फांसी होने के बाद घाटी में आतंकी संगठनों ने गालिब का माइंड वॉश करने और पिता का बदला लेने के लिए उकसाया था, लेकिन ग़ालिब ने उनकी बात सुनाने के बजाय अपने बेहतरीन कैरियर को चुना। संसद में हुए हमले का दोषी करार दिए जाने के बाद अफजल को फांसी दे दी गई थी।