हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने एनडीए का साथ छोड़ दिया है. वे पिछले कुछ समय से भाजपा से नाराज चल रहे थे. जहानाबाद सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए मांझी ने टिकट की दावेदारी पेश की थी, लेकिन वहां से जदयू को उम्मीदवारी दे दी गई. उसके बाद मांझी का बयान आया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि एनडीए में सबको कुछ न कुछ मिल रहा है, एक हम ही हैं जिसे कुछ नहीं मिला.

हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के नेता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने एनडीए से अलग होने की घोषणा से पहले राजद नेता तेजस्वी यादव और राबड़ी देवी से मुलाकात की. उन्होंने महागठबंधन का दामन थामने का फैसला किया है. 1 मार्च को विधिवत रूप से महागठबंधन में शामिल होंगे. मांझी के साथ बैठक के बाद तेजस्वी यादव ने कहा कि जीतन मांझी जी मेरे अभिभावक हैं. मैं उनके बेटे के समान हूं. अब वे हमारे साथ आ गए हैं. अब वे महागठबंधन का हिस्सा होंगे.

मांझी के एनडीए छोड़ने और महागठबंधन में जाने के फैसले पर जदयू नेता केसी त्यागी ने कहा है कि हमें इससे कोई आपत्ति नहीं है. उन्होंने कहा कि आरजेडी का नेतृत्व हताशा और निराशा से गुजर रहा है. पूरी पार्टी में बौखलाहट है. राजद को फिर से जीवित करने के लिए वे लोग संजीवनी ढूंढ़ रहे हैं.

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