111932848जासूसी के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध बेले बोयड का पूरा नाम इज़ाबेला मैरी बोयड था. उन्होंने अमेरिकी गृह युद्ध के दौरान मित्र अमेरिकी राज्यों की तरफ से जासूसी की थी. इन राज्यों को कॉनफेडरेट कहते थे. अमेरिकी गृह युद्ध के दौरान मित्र राज्य वो सात राज्य थे जो सरकार विरोधी हो गए थे और उन्होंने खुद को केंद्रीय सरकार से अलग कर लिया था. इस पूरे घटनाक्रम के दौरान बेले ने अपने पिता के वर्जिनिया स्थित होटल में रहते हुए अमेरिकी कॉफेडरेट जनरल स्टोनवाल जैकसन को बहुत सारी महत्वपूर्ण खुफिया जानकारी उपलब्ध कराईं थी.
बेले बॉयड का जन्म 9 मई, 1944 को मार्टिन्सबर्ग, पश्‍चिमी वर्जिनिया में हुआ था. उस समय मार्टिन्सबर्ग वर्जिनिया का ही एक हिस्सा हुआ करता था. बेले, बेंजामिन रीड और मैरी रेबेका की सबसे ब़डी संतान थीं. वह बहुत ही स्वच्छंद थीं और भाई-बहनों पर काफी अधिकार जमाया करती थीं. हालांकि उनका परिवार बहुत ज्यादा अमीर नहीं था लेकिन उनके माता-पिता ने उन्हें अच्छी शिक्ष दिलवाई. शुरुआती शिक्षा के बाद उनका दाखिला माउंट वाशिंगटन में करा दिया गया. बोयड के जासूसी जीवन की शुरुआत किसी सोची समझी योजना के तहत नहीं हुई थी. उनके ही लेख के अनुसार 4 जुलाई, 1861 को अमेरिका की यूनियन आर्मी के बैंड के सैनिकों ने यह खबर सुनी कि बेले के कमरे में मित्र राज्यों के झंडे रखे हुए हैं. इसे लेकर वे बेले के कमरे जांच करने के लिए आए. उन्होंने बेले के कमरे के बाहर यूनियन के झंडे को लगा दिया जिसे लेकर बेले काफी क्रोधित हो गईं. जब उन सैनिकों में से एक ने बेले को गाली दी तो उन्होंने गोली चला दी थी जिससे उस सैनिक की मौत हो गई. एक बोर्ड ऑफ इन्क्वायरी ने बेले को आरोपों से बरी कर दिया लेकिन उनके घर के चारों तरफ निगाह रखने वाले सैनिक लगा दिए गए जो चौबीसों घंटे बेले की हर गतिविधि की खबर यूनियन सरकार को देते थे.
लेकिन बिरले लोग ऐसे भी होते हैं जो बुरे मौकों को भी एक अवसर में तब्दील कर देते हैं. बेले बोयड उन्हीं लोगों में एक थीं जो कठिन मौकों को अवसरों में तब्दील कर दिया करती थीं. यही उन्होंने किया भी यूनियन के एक अधिकारी को अपने प्रेम जाल में फंसाया और उससे कई जरूरी राज उगलवा लिए. इस अधिकारी का नाम था कैप्टन डैनियल केली. केली ने बेले के सामने मिलिट्री के कई खुफिया राज खोले. बेले ने यह खुफिया जानकारी कॉनफेडरेट अधिकारियों तक अपनी महिला दास एलीजा होपवेल के जरिए पहुंचा दी. यह वह समय था जब अमेरिका के कुछ राज्यों में दासता प्रथा चल रही थी. लेकिन अपने पहले प्रयास के दौरान ही बेले पक़डी गई थीं और यह माना जा रहा था कि उन्हें फांसी की सजा दी जाएगी. लेकिन वह किस्मत से बच गईं. बेले ने इसके बावजूद भी हार नहीं मानी. वे लगातार इस बात की कोशिश में लगी हुई थीं कि आखिर कैसे सूचनाएं पहुंचाने के नए रास्ते तलाशे जाएं. 1862 के मई महीने में यूनियन के अधिकारी जेम्स शील्ड्स और उनके स्टाफ के लोग एक स्थानीय होटल में इकट्ठे हुए. ये सारे लोग इकट्ठे होने वाले हैं, इसकी भनक बेले बोयड को लग गई थी. उन्होंने पूरी योजना तैयार कर ली कि आखिर कैसे इस बैठक की सारी जानकारियों को कॉनफेडरेट अधिकारियों तक पहुंचाना है. बोयड उसी कमरे की एक आलमारी में छिप गईं और उसमें आलमारी के एक छेद के जरिए ही सारी बातें सुनी. बोयड ने शील्ड्स को यह आदेश देते सुना कि यूनियन आर्मी को फ्रंट रॉयल से हटाकर पूर्व में लगाना है. इसका मतलब साफ था कि यूनियन आर्मी की ताकत अब फ्रंट रॉयल में कम होने वाली थी. उस रात बेले बॉयड ने अपनी निगरानी में लगे संतरियों को धोखा देकर किसी तरह कॉनफेडरेट मिलिट्री चीफ को यह जानकारी पहुंचाई. इसके बाद तो कॉनफेडेरेट के लोगों को यह मौका मिल गया कि वे आसानी से फ्रंट रॉयल के इलाके को जीत सकें. कुछ ही दिन बाद कॉनफेडरेट की सेना ने इस इलाके पर हमला कर दिया तो बेले दौडती हुई कॉनफेडरेट जनरल के पास पहुंच गईं. बताया जाता है कि इस दौरान एक गोली को छूकर निकल गई. बेले ने कॉनफेडरेट जनरल स्टोनवेल जैकसन को इस बात की जानकारी दी कि यूनियन आर्मी के सैनिकों की संख्या बहुत कम है. आपकी सेनाएं बहुत ही आसानी से न सिर्फ उन्हें खत्म कर सकती हैं बल्कि बहुत सारे सैनिकों को गिरफतार भी कर सकती हैं. जैकसन ने वही किया जो बेले ने उन्हें बताया. जैक्सन को बेले पर बहुत विश्‍वास था. आखिरकार जैक्सन की सेनाओं की जीत हुई. जैक्सन ने उसी शाम बेले को एक पत्र लिखा जिसमें उन्होंने कहा कि मै आपको सेना की तरफ से धन्यवाद देता हूं. इसके लिए बेले को साउदर्न क्रॉस ऑनर से भी सम्मानित किया गया था. उन्हें मानद कैप्टन का पद भी दिया गया था. आखिरकार बेले को 29 जुलाई 1862 को गिरफतार कर लिया गया और ओल्ड कैपिटल जेल ले जाया गया. उनके खिलाफ इन्वायरी लगाई गई. उन्हें एक महीने तक कारावास में रखने के बाद छोड दिया गया. इसके बाद भी उन्हेंं एक बार और गिरफतार किया गया.
1864 में बेले इंग्लैंड चली गईं जहां उन्होंने एक नेवी अधिकारी से शादी कर ली. लेकिन 1866 में उनके पति की आकस्मिक मौत हो गई जिसके कुछ सालों बाद वे अमेरिका वापस लौट गईं. इसके बाद उनक दो शादियां और भी हुईं. बेले ने बहुत दिनों तक घूम घूम कर जासूसी पर लेक्चर भी किए. उन्होंंने लोगों को इस बात से अवगत कराया कि कैसे अगर एक साधारण महिला भी चाहे तो लोगों की मदद कर सकती है. इसी टूर के दौरान साल 1900 में एक हवाई यात्रा के दौरान 56 वर्ष की आयु में उनका दिल का दौरान पडने की वजह से मौत हो गई.

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