लोकसभा के लिए होने वाले चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है. यह चुनाव नौ चरणों में होने जा रहा है. तारीखों के ऐलान के साथ ही देश में चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है. लोकसभा चुनाव के साथ ही आंध्र प्रदेश, उड़ीसा एवं सिक्किम विधानसभा के चुनाव भी होंगे. इस चुनाव के लिए नौ लाख तीस हजार मतदान केंद्र बनाए जाएंगे. इस चुनाव में क़रीब 81.4 करोड़ मतदाता अपने मत का प्रयोग करेंगे. पिछले चुनाव की तुलना में यह संख्या दस करोड़ अधिक है. इस लोकसभा चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग के साथ इलेक्ट्रॉनिक ट्रेल का भी कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में इस्तेमाल होगा. इसके तहत वोटिंग के बाद एक पर्ची निकलेगी, जो बताएगी कि वोट हो पाया है या नहीं. यह पहला मौक़ा होगा, जब आम चुनाव में नोटा (नन ऑफ द अबव) के विकल्प का इस्तेमाल मतदाता कर पाएंगे. इससे पहले दिसंबर में पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में इसे पहली बार लागू किया गया था. इसी तरह हर लोकसभा सीट पर 18 से 22 साल के लगभग 90 हजार मतदाता पहली बार मतदान करेंगे. चुनाव आयोग के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश के क़रीब 81.5 करोड़ मतदाताओं में 2.31 करोड़ मतदाताओं की उम्र 18 से 22 साल के बीच है, जो देश के कुल मतदाताओं का 2.8 फ़ीसद है. 28 राज्यों और सात केंद्र शासित प्रदेशों में से दादर एवं नगर हवेली में सबसे ज़्यादा युवा मतदाता (9.88 फ़ीसद) हैं. इसके बाद सबसे अधिक युवा मतदाता झारखंड (9.03 फ़ीसद) में हैं. अंडमान निकोबार द्वीप समूह में ऐसे मतदाताओं की संख्या सबसे कम (1.1 फ़ीसद) है. उत्तर प्रदेश में 18-22 साल के मतदाताओं की संख्या सर्वाधिक 38.1 लाख है और इसके बाद पश्चिम बंगाल का नंबर आता है, जहां यह संख्या लगभग 20.8 लाख है. देश के कुल मतदाताओं में पुरुष मतदाता 52.4 प्रतिशत और महिला मतदाताओं की संख्या 47.6 प्रतिशत है. 28 राज्यों और 7 केंद्र शासित प्रदेशों में से 21 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में महिला मतदाताओं का अनुपात 47.6 प्रतिशत के राष्ट्रीय अनुपात से अधिक है. आठ राज्य/केंद्र शासित प्रदेश ऐसे हैं, जहां महिला मतदाताओं की संख्या पुरुष मतदाताओं से अधिक है.
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