विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इराक के मोसुल में अगवा हुए 39 भारतीय नागरिकों के मारे जाने की खबर सदन में दी. उनका शव भारत लाने के प्रयास किए जा रहे हैं. सुषमा ने बताया कि जून 2015 में इराक में 39 भारतीयों को आईएसआईएस ने बंधक बना लिया था.
पिछली बार सदन में 27 जुलाई 2017 को चर्चा हुई थी. तब मैंने कहा था कि जब तक मेरे पास कोई सबूत नहीं होगा, तब तक उन्हें मृत घोषित नहीं करूंगी. ऐसा करना सरकार के लिए गैर-जिम्मेदाराना होगा. जिस दिन पक्का सबूत मिलेगा, तब सदन को सही जानकारी दूंगी. आज हमारे पास पक्का सबूत हैं.
मोसुल में काम कर रहे भारतीय मजदूरों को 2014 में आतंकियों ने अगवा कर लिया था. जनरल वीके सिंह उनकी जानकारी लेने के लिए इराक गए थे. इनमें से एक भारतीय आतंकियों के चंगुल से निकल भागने में सफल रहा था. मसीह ने पहले ही कहा था कि बाकी भारतीयों को उसके सामने मार दिया गया था, पर सरकार ने उसकी बात नहीं सुनी. मृतकों में 27 लोग पंजाब, 4 हिमाचल प्रदेश, 6 बिहार और पश्चिम बंगाल के 2 लोग थे.