इंटरनेट को अगर शुद्ध हिंदी में कहना हो तो, कहेंगे- अंतरजाल. यह जाल ऐसा है, जिसने सारी दुनिया को अपने अंदर समेट रखा है. जब ग्लोबल विलेज़ की बात होती है कि सही मायनों में यह इंटरनेट ही है जिसने इस पूरी सोच को दिशा दी है. जानकारी और सूचना के भंडार के तौर पर भी इसका कोई जवाब नहीं. इसके असर का अंदाज़ा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि एक सर्वे के मुताबिक भारत भर में बच्चों के बीच इंटरनेट ही सूचना का सबसे बड़ा माध्यम है. टीवी और अख़बारों को इसने काफी पीछे छोड़ दिया है. इंटरनेट अलादीन के चिराग़ के जिन्न की तरह है, जहां हर मुराद बस एक क्लिक दूर है. लेकिन इस जिन्न की अपनी समस्याएं भी हैं. इतनी सारी सुविधाओं के साथ ही इंटरनेट कई बुराइयों को साथ लेकर भी आया है. इसलिए यह बहुत ज़रूरी है कि इसका इस्तेमाल ज़रा संभल कर किया जाए.
पोर्न, सेक्स और फ्रेड-क्या ढूंढ़ रहे हैं बच्चे-
उमस भरी गर्मी, स्वाइन फ्लू का डर और स्कूलों में छुट्टियां. ऐसे में बच्चे घर पर ही रहें तो मम्मी-पापा चैन की सांस लेते हैं. अब बच्चे घर पर रहें तो इंटरनेट तो सर्च करेंगे ही. वैसे भी भारत में सबसे ज़्यादा इंटरनेट पर काम करने वाले बच्चे ही हैं. हालांकि इंटरनेट का ख़तरा भी कोई कम नहीं है. बच्चे इंटरनेट पर क्या देख रहे हैं, यह भी मम्मी-पापा के लिए चिंता का विषय है. हो भी क्यों न, अगर बच्चों के इंटरनेट सर्च पर नज़र रखने वाले सॉफ्टवेयर नॉर्टन फैमिली की मानें तो यूट्यूब, फेसबुक और ऑरकुट जैसी वेबसाइट्स के साथ-साथ सेक्स और पोर्न भी बच्चों की सर्च लिस्ट में टॉप पर हैं. नॉर्टन फैमिली एक ऐसा सॉफ्टवेयर है, जिसके ज़रिए मां-बाप अपने बच्चों के सर्च और दूसरी इंटरनेट हरक़तों पर नज़र ऱख सकते हैं. इस सॉफ्टवेयर के ज़रिए इकट्ठा किए गए आंकड़ों को एक साथ मिलाकर नॉर्टन ने ये आंकड़े जारी किए हैं. इसके मुताबिक पिछले साल भर के दौरान दुनिया भर के बच्चों में यूट्यूब, गूगल, फेसबुक सर्च के मामले में सबसे ऊपर रहे. लेकिन सेक्स और पोर्न जैसे विषय भी टॉप छह में जगह बनाने में सफल रहे. जहां सेक्स को दुनिया भर में हुई सर्च के हिसाब से चौथा स्थान मिला, वहीं पोर्न छठे स्थान पर रहा.
इसके अलावा पॉप स्टार माइकल जैक्सन भी इस साल बच्चों के सर्च में बहुत आगे रहे. इसके अलावा याहू और ई-बे भी दस सबसे ज़्यादा सर्च किए जाने वाले शब्दों में रहे.
हालांकि इन आंकड़ों से ज़्यादातर लोगों को हैरानी नहीं हुई है. नॉर्टन की मालिक कंपनी सायमनटेक की इंटरनेट सुरक्षा सलाहकार मरियन मैरिट कहती हैं कि सब जानते हैं कि इंटरनेट पर सेक्स और पोर्न का एक बहुत बड़ा बाज़ार है और अधिकतर बच्चे इससे जुड़ी सामग्री सर्च करते हैं. शायद यही वजह है कि मां-बाप को इससे कोई बहुत बड़ा आश्चर्य नहीं हुआ होगा. हां, यह ज़रूरी है कि मां-बाप इस बारे में बच्चों से बात करें और उन्हें समझाने की कोशिश करें.
हालांकि इस फेरहिस्त में एक शब्द है जिससे मां-बाप को बड़ी हैरानी हुई होगी और अधिकतर को जिसके बारे में कोई जानकारी भी नहीं है. वह है-फ्रेड. यह शब्द बच्चों की सर्च लिस्ट में नौंवे नंबर पर है. दरअसल फ्रेड, यूट्यूब पर एक वीडियो चलाने वाले फ्रेड फिगलहोर्न के लिए है. यह वीडियो चैनल बच्चों में काफी लोकप्रिय है.
बड़े धोखे हैं इस राह मे
बच्चे भले ही इंटरनेट सर्च में आगे हों, लेकिन युवा और बड़े भी इंटरनेट के इस्तेमाल में ज़्यादा पीछे नहीं हैं. भारत में इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले अधिकतर लोग सोशल नेटवर्किंग साइट्स विजिट करते हैं. यारी-दोस्ती के मामले में भारत का जवाब नहीं है, लेकिन इस रास्ते में भी ख़तरे कम नहीं है. फेसबुक, हाई5, टि्वटर, माईस्पेस और ऑरकुट (जो भारत में सबसे ज़्यादा सर्च किए जाने वाले शब्द हैं) जैसी सोशल वेबसाइट्स का प्रयोग करने वाले लोगों को संभल कर रहने की ज़रूरत है. अगर आपको इन साइट्स पर किसी दोस्त या किसी सेलेब्रेटी के मज़ेदार वीडियो देखने का निमंत्रण मिल रहा हो, तो इस निमंत्रण को ठुकराने में ही आपकी और आपके कंम्यूटर की भलाई है. अगर आप इस तरह के वीडियो के चक्कर में फंस गए तो आप कोबफेस के फेर में आ सकते हैं. कोबफेस एक ऐसा वार्म है, जो वीडियो निमंत्रण के ज़रिए आपके कंप्यूटर में प्रवेश कर जाता है और आपकी निजी जानकारी उड़ा ले जाता है.
कोबफेस ऐसे काम करता है कि जब आप इस तरह के किसी वीडियो लिंक पर जाते हैं तो वह लिंक आपको इन नेटवर्किंग साइट्स से अलग एक दूसरी साइट्स पर ले जाते हैं.
जहां आपसे वीडियो देखने के लिए एडोब फ्लैश प्लेयर को अपडेट करने को कहा जाता है, ऐसा करते ही कोबफेस आपके सिस्टम पर हमला कर देता है.
कोबफेस का नाम सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक के नाम को तोड़-मरोड़ कर बनाया गया है. कोबफेस का ख़तरा कितना बड़ा है, इसका अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि भारत सरकार की कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम ने इस बारे में एक चेतावनी जारी की है.
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