तेल कंपनियां हर महीने एलपीजी सिलिंडर के दामों की समीक्षा करती हैं। हर राज्य में टैक्स अलग-अलग होता है और इसके हिसाब से एलपीजी के दामों में अंतर होता है। इस महीने देश की ऑइल मार्केटिंग कंपनियों ने 14.2 किलोग्राम वाले एलपीजी रसोई गैस सिलिंडर की कीमतों में 25.50 रुपये का इजाफा किया है। वहीं 19 किलोग्राम के सिलिंडर में 76 रुपये का इजाफा किया गया है।

14.2 किलो वाले सिलिंडर का दाम
दिल्ली में 14.2 किलोग्राम वाला गैर-सब्सिडी एलपीजी सिलिंडर 809 रुपये से बढ़कर 834.50 रुपये का हो गया है। कोलकाता में इसका दाम 835.50 रुपये से बढ़कर 861 रुपये का हो गया है, मुंबई में यह 809 रुपये से बढ़कर 834 रुपये और चेन्नई में 825 रुपये से बढ़कर 850 रुपये का हो गया है।

इतना हुआ 19 किलोग्राम वाले सिलिंडर का दाम
दिल्ली में 19 किलोग्राम वाला एलपीजी सिलिंडर पिछले महीने के 1473.50 रुपये के मुकाबले 1550 रुपये का हो गया है। कोलकाता में इसका दाम 1544.50 रुपये से बढ़कर 1651.5 रुपये, मुंबई में 1422.50 रुपये से बढ़कर 1507 रुपये और चेन्नई में यह 1603.00 रुपये से बढ़कर 1687.5 रुपये का हो गया है।

ईंधन की बढ़ती कीमतों से परिवहन लागत ऊंची होने के चलते दिल्ली के थोक और खुदरा बाजारों में फल-सब्जी की कीमतों में इस सप्ताह और वृद्धि हुई। व्यापारियों ने बुधवार को यह भी कहा कि हालांकि, फल-सब्जी की कीमतें इस समय ज्यादा ऊंची नहीं हैं। लेकिन उन्होंने कहा कि यदि डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी जारी रही तो आने वाले हफ्तों में ये खाद्य वस्तुएं महंगी हो सकती हैं। राष्ट्रीय राजधानी में बुधवार को पेट्रोल 98.81 रुपये प्रति लीटर पर बिक रहा है, जबकि डीजल की कीमत 89.18 रुपये प्रति लीटर है।

दिल्ली की सबसे बड़ी आजादपुर मंडी के थोक सब्जी और फल व्यापारी राजेंद्र शर्मा ने कहा कि थोक और खुदरा सब्जियों और फलों के दाम में मामूली बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा, ‘प्याज की थोक कीमतें अब 23-25 ​​रुपये प्रति किलोग्राम के दायरे में हैं, जबकि इस मौसम में सामान्यत: भाव 16-20 रुपये रहता है. इसी तरह, अनार, जो महाराष्ट्र से आता है, उसकी कीमत लगभग 70-90 रुपये प्रति किलोग्राम है जो आम तौर पर इस समय लगभग 60-80 रुपये में बिकता है।’

अगले हफ्तों में और बढ़ सकती हैं कीमतें

दक्षिण दिल्ली के ग्रेटर कैलाश मार्केट के एक खुदरा सब्जी विक्रेता सुबोध मंडल ने कहा, ‘प्याज, टमाटर, आलू के दाम थोड़े बढ़ने लगे हैं. यह ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण है ।’

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