नई दिल्ली : अमेरिकी सील जब दुनिया कुख्यात आतंकी ओसामा बिन लादेन को मारने निकले थे तो सभी सील कमांडो ‘अपाचे’ हेलीकॉप्टर में ही सवार होकर पाकिस्तान के एबटाबाद पहुंचे थे। तभी से इस हेलीकॉप्टर का नाम ‘लादेन किलर’ पड़ गया था। लादेन किलर के नाम से मशहूर हो चूका अपाचे अटैक हेलिकॉप्‍टर अब भारतीय वायुसेना की ताक़त बढ़ाएगा।

भारतीय वायुसेना को पहला अपाचे हेलीकॉप्टर सौंप दिया गया है। अमेरिका के एरिज़ोना में बोइंग ने वायुसेना के एयर मार्शल ए एस बुटोला को हेलीकॉप्टर सौंपा। भारत और अमेरिका के बीच 22 अपाचे हेलीकॉप्टर के लिये 2015 में समझौता हुआ था। हेलीकॉप्टर का पहला बैच इसी साल जुलाई में आ जाएगा। इस हेलीकॉप्टर के ट्रेनिंग के लिये चुने गए एयर और ग्राउंड क्रू की ट्रेनिंग अमेरिकी सेना के अल्बामा एयर बेस पर हो रही है। वायुसेना में अपाचे के आने हेलीकॉप्टर विंग की ताकत में काफी इज़ाफ़ा होगा।

इस हेलीकॉप्टर में वायुसेना के ज़रूरत के मुताबिक बदलाव भी किये गये हैं। गौरतलब है कि अपाचे हेलीकॉप्टर से सटीक हमले किये जा सकते हैं। अपाचे दुश्मन के इलाके में भी घुसकर मार कर सकता है। साथ ही इसके आने से वायुसेना के साथ थल सेना के ऑपरेशनल ताकत में कई गुना इज़ाफ़ा हो जाएगा। आपको बता दें कि फरवरी में ही अमेरिकी एयरोस्पेस कंपनी बोईंग ने भारतीय वायुसेना के लिए चार चिनूक सैन्य हेलिकॉप्टरों की आपूर्ति गुजरात में मुंद्रा बंदरगाह पर की थी।

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चिनूक बहुद्देशीय, वर्टिकल लिफ्ट प्लेटफॉर्म हेलिकॉप्टर है जिसका इस्तेमाल सैनिकों, हथियारों, उपकरण और ईंधन को ढोने में किया जाता है। इसका इस्तेमाल मानवीय और आपदा राहत अभियानों में भी किया जाता है। राहत सामग्री पहुंचाने और बड़ी संख्या में लोगों को बचाने में भी इसका उपयोग किया जा सकता है।

 

 

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