मुख्य बातें…..
1 मनजिंदर सिंह सिरसा ने दोषियों को मारा थप्पड़.
2 बचाव पक्ष के लोगों ने सजा कम करने की लगाई गुहार.
दिल दहला देने वाला सिख विरोधी नरसंहार को, वैसे तो साल चुके है. मगर इनके जख्म अभी भी हरे ही है. गुरुवार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में शिख विरोधी दंगों की सुनवाई के दौरान बीजेपी विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने आरोपी नरेश शहरावत और यशपाल सिंह को थप्पड़ मारा दिया.
बता दें कि गुरुवार को सुनावाई के दौरान पुलिस दोनों की आरोपियों को तिहार जेल से लेकर सीधे कोर्ट रुम में ले गई, जहां पर कुछ देर सुनवाई के बाद, जैसे ही पुलिसकर्मी दोषियों को बाहर ला रहे हैं. वैसे ही विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने दोषियों को पुलिसकर्मियों से अलग करते हुए थप्पड़ जड़ दिया. इतना ही नहीं, इस दौरान दोनों पक्षों के बीच अपशब्दों की बौछारें भी चली.
हालांकि, पुलिसकर्मियों ने मामले को काबू से बाहर जाते देख, आरोपियों को वहां से अलग कर दिया और सीधे ही उन्हें जेल ले गई. बता दें कि इस पूरे घटनाक्रम के दौरान पुलिसकर्मियों के रवैये पर सवालिया निशान खड़ा हो गया.
जब पुलिसकर्मी आरोपियों को कोर्ट रुम में गई थी. उस दौरान आरोपियों के साथ सिर्फ दो पुलिसकर्मी ही मौजूद थे. ये जानेने के बावजूद भी कि बेहद संवेदनशील मामले की सुनवाई हो रही है.
मालूम हो कि गुरुवार को साल पुराने शिख नरसंहार के दौरान, महिलपाल पुर निवासी हरदेव सिंह और अवतार सिंह को आरोपी नरेश सहरात और यशपाल सिंह ने मौत के घाट उतार दिया था. इतना ही नहीं इनकी दुकान को भी आग के हवाले कर दिया था. जिसे लेकर कोर्ट में कल सुनवाई हुई थी.
सुनावाई के दौरान अभियोजन पक्ष के लोगों ने कोर्ट से आरोपियों को सख्त से सख्त सजा देने की मांग की है तो वहीं, बचाव पक्ष के लोगों का कहना था कि आरोपियों की उम्र को देखते हुए सजा में थोड़ी-रियायत बरतनी चहिए.
इसी के साथ, अभियोजन पक्ष के लोगों ने कहा कि इस घटना को एक योजना के तहत अंजाम दिया गया था तो वहीं बचाव पक्ष के लोगों का कहना था कि ये घटना एकदम से उपजे विरोध का नतीजा था, इसमें हमारी कोई आपसी रंजिश या फिर कोई योजना नहीं थी.