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पाकिस्तान के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बार फिर से भारत के साथ दोस्ती का हाथ बढ़ाने की इच्छा जताई है. उन्होंने बीते मंगलवार को कहा कि कश्मीर समेत अन्य मतभेदों को बातचीत और व्यपार के आगाज से हल किया जा सकता है.

गत मंगलवार को मोदी ने भी इमरान खान के प्रधानमंत्री निर्वाचित होने पर बधाई पत्र भेजा था. इमरान खान ने कहा कि उपमहाद्वीप से गरीबी खत्म करने के लिए हम दोनों मुल्को को चहिए कि हम आपसी तकरार भूलकर बातचीत और कारोबार की पहल करें. इमरान खान ने प्रधानमंत्री निर्वाचित होने के बाद पहली बार भारत के साथ बातचीत की पेशकश की है. इससे पहले उन्होंने दोनों मुल्कों की आपसी तकरार खत्म करने की बात कही थी. इमरान खान ने कहा था कि भारत रिश्ते सुधारने के लिए एक कदम बढ़ाए तो हम दो कदम बढ़ाएगें.

इसके साथ ही इमरान खान ने कहा कि मैं पजांब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को धन्यवाद देना चाहता हूं कि वो शपथ ग्रहण समारोह में शातिंदूत बनकर आए. पाकिस्तान के लोगों ने भी उन्हें खूब प्यार दिया. जो लोग उनके यहां आने का विरोध कर रहे हैं वो लोग दोनों देशों की शांति के विरोधी हैं.

पिछले कई सालों से दोनों देशों के बीच शांति का माहौल बना हुआ था, लेकिन साल 2016 में जब उडी में आतंकी हमला हुआ, उसके बाद से दोनों देशों के रिश्ते में तकरार पैदा हो गई. इसके बाद कुलभूषण जाधव के मामले ने भी दोनों मुल्कों के बीच अशांति की स्थिती पैदा कर दी थी. लेकिन हम इन सब बातों के बावजूद एक बात को नहीं भुला सकते हैं, जब भारत की ओर से पाकिस्तान से दोस्ती की पहल की गई थी. कारगील युद्ध के बाद अटल बिहारी वाजपेयी जी का पाकिस्तान का दौरा, उसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी का पाक जाना.. ये तमाम पहल भारत ने पाकिस्तान से दोस्ती का हाथ बढ़ाने के मकसद से किया था.

 

सिद्धु ने अपने बचाव में पेश की सफाई, कहा- वाजपेयी और मोदी ने की थी पाक यात्रा

पिछले कई दिनों से जिस तरीके से सिद्धु को चारो तरफ से सवालिया निशनों का सामना करना पड़ा है.. उसी के बीच में .. सिद्ध ने अपने बचाल में कुछ सफाई पेश की. गौरतलब है कि सिद्धु को पाकिस्तान के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री इमरान खान के शपथ समारोह में शामिल होना महंगा पड़ गया था.. भारत में सिद्धु का पाकिस्तान जाना चर्चा का विषय बना रहा, जिसके वजह से उन्हे चारों तरफ से सवालिया निशानों का सामना करना पड़ रहा .. यहां तक कि पंजाब के मुख्यमंत्री ने सिद्धु का पाकिस्तान जाना .. और वहाँ के सेनअध्यक्ष कमर बजवा के साथ गले मिलना.. नहीं भाया. जिसके मद्धेनजर उन्होंने सिद्धु का  मुखालफत किया.. कहा कि.. सिद्ध ने पाक जा कर और वहां के सेनाअध्यक्ष से गले मिलकर गलत किया..

लेकिन इन सब बातों बीच में . सिद्धु ने अपने बचाव में.. वाजपेयी जी और मोदी को लाकर खड़ा कर दिया है.. और उन्होंनें सवाल किया है.. वाजपेयी जी शांति का संदेश लेकर पाक गए थे.. और इसके बाद कारगिल युद्ध हुआ था.. क्या आप उन्हें देशभक्त नहीं कहेगें.. इतना ही नहीं मोदी साहब बिना न्योते ही पाकिस्तान चले गए थे.. और वहां जाकर तत्कालिन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से गले मिले थे .. तो आप इन्हे क्या कहेगें.. सिद्धु ने कहा कि भाजपा दोहरे मापदंड अपना रही है..

 

 

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