नरेंद्र मोदी भारत के पहले राजनेता है, जिन्होंने सोशल मीडिया के ट्रोलिंग ( जबकि यह शब्द तबतक किसी शब्दकोश में भी नहीं शामिल हुआ था ! ) नाम का इस्तेमाल 2007 मे ही शुरू कर दिया है !
जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री पदपर थे ! तब उन्होंने बाकायदा थाईलैंड की एक एजेंसी को इस कामके लिए हायर की थी ! यह स्वाति चतुर्वेदी ने अपने ‘आई एम ए ट्रोल’ नाम की किताब मे तफसील से दिया है !

यह सब लिखने का कारण, राहूल गांधी के किसानों के चल रहे आंदोलन मे, एक बुजुर्ग किसान के उपर उसके बेटे की उम्र का पुलिस वाला जवान लाठी ताना हुआ फोटो और उसके उपर की टिप्पणी को अमित मालवीय ने किस तरह से छेड़खानी करने के लिए व्टिटरने पहली बार बीजेपी को झटका दिया है !
हालाँकि भारतीय जनता पार्टी और उसके मातृ संघटन संघ परिवार के लोगों द्वारा हजारों ट्रोलिंग करने वाले हैं. ! जिन्हें स्वाति चतुर्वेदी सेफ्रोन डिजिटल आर्मी कहाँ करती है ! और वह लोग राहूल गांधी से लेकर लालु प्रसाद यादव,अखिलेश यादव, तेजस्वी यादव, ममता बॅनर्जी, हेमंत सोरेन, दिग्विजय सिंह, अरविंद केजरीवाल, सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खर्गे, शरद पवार, उध्दव ठाकरे और अन्य विरोधियों से लेकर पत्रकारों में स्वाति चतुर्वेदी, बरखा दत्त रविश कुमार, करन थापर, राजदीप सरदेसाई, अभिसार, पूण्यप्रसून और महिला पत्रकारोंको तो सेक्सुअलीअॅब्यूस करने के लिए एक खास ट्रेन की हुई टीम रात दिन लगी रहती है !

असल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ट्रेनिंग में, इसी तरह की मानसिकता बनाने की योजना है ! जिस कारण संघ के द्वारा भले ही कानाफूसी के स्तर पर, कोई बात निकलती है ! तोभी वह राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचने में, चंद क्षणों में चली जाती है ! इसका एक ट्रेलर गणेश को दुध पिलाने की घटना आजसे तीस सालों पहले किया गया है ! और महात्मा गांधी तथा जवाहरलाल नेहरू तथा आजकल सभी विरोधियों को लेकर संघ सौ वर्ष से चरित्र हनन करने का खुला रहस्य है ! और इसिलिये नाथूराम जैसे लोग हत्या करने तक चले जाते हैं !
वैसे ही अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ संघ की शाखाओं में शुरू से ही , बहुत ही जहरीले प्रचार – प्रसार सतत किया जा रहा है ! और नरेंद्र मोदी या अमित शाह जैसे लोग, जूनूनी तौर पर, अल्पसंख्यक समुदायों खिलाफ रहने की वजह, उनका बचपन से ही संघ की शाखाओं में जाने की वजह से ! गुजरात के दंगों से लेकर वर्तमान समय में चुनाव प्रचार में खुलकर अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ जहरीले प्रचार किए जा रहे हैं !
स्वाति चतुर्वेदी ने अपने ‘आई एम ए ट्रोल’ नाम की किताब मे, शुरुआत में ही उसे किस तरह से कमर के निचे वार करने वाले पोस्ट आते है ! और उनके बारे मे वसंत विहार पुलिस स्टेशन दिल्ली में एफ आई आर भी 2015 मे दर्ज करनेके बावजूद अभितक कोई भी कारवाही नहीं कि है ! हालाँकि दिल्ली पुलिस के लोगों पर “सत्यमेव जयते” का मंत्र लिखा हुआ है ! लेकिन पिछले 10 साल से वह असत्य के इतनें काम कर चुके है, कि अब उन्हें अपने लोगों पर “असत्यमेव जयते” को स्थान दे देना चाहिए !
भारत की पहली राजनीतिक पार्टी बीजेपी है ! जिसने सोशल मीडिया के इस्तेमाल की शुरुआत 1995 ! यानी आजसे 30 साल पहले ही शुरू कर दिया है ! उन्होंने अपनी वेबसाइट शूरू कर के अपने इंटरनेट शाखाए शूरू की है ! इसके विपरीत कांग्रेस ने 2005, आम आदमी पार्टी ने 2012 मे सोशल मीडिया की तरफ रुख अपनाने की शुरुआत की है !


नरेंद्र मोदीजीके 21•6 मीलियन फॉलोवर्स है ! और वह खुद 1375 लोगों को फाॅलो करते हैं ! यह 10 साल पुरानी बात है ! आज यही संख्या लाख और करोड़ों की भी हो सकती हैं ! और अब तो मेनस्ट्रिम मीडिया भी कुछ अपवादों को छोड़कर पूरा वर्तमान सरकार के भाँट बनकर काम कर रहा है !
राम माधव यह पहला संघ परिवार के लोगों मे से है ! कि जो इलेक्ट्रानिक इंजीनियरिंग आन्ध्र विश्वविद्यालय से पढाई खत्म करने के बाद संघ के प्रचारक, और बीजेपी के आई टी सेल को ट्रेनिंग देने वाले यही आदमी की भुमिका है ! स्वाति चतुर्वेदी ने बाकायदा राम माधव से प्रत्यक्ष मिलकर बात करने के बाद ही यह सब कुछ इस किताब में लिखा है !


“राम माधव यह फिलहाल बीजेपी के सबसे ज्यादा प्रभावशाली जनरल सेक्रेटरी के दिल्ली स्थित ऑफिस में, जब मैंने देखा कि उनके हाथ पर एपल की घडी ! और टेबल पर वाफेर थिन एपल कम्पयूटर के साथ ही बैठे हुए थे ! और वही पर हमारे बात हुई थी ! और उन्होंने स्वयं स्वीकार किया कि आई टी सेल को ट्रेनिंग देने वाले शाखाओं की कल्पना ही मेरी है ! और चेन्नई प्रोजेक्ट की शुरुआत भी मैंने खुद की है !”
वरिष्ठ पत्रकार एच. के. दुआ चालीस साल से भी अधिक समय तक, संघ परिवार के काम काज पर निगरानी रखने के अपने अनुभव को लेकर कहा करते थे, कि संघ को 1948,1975 और बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद, बैन करने से उसने अपने काम में विलक्षण गोपनीयता की शुरुआत की है ! मेरी राय में यह गोपनीयता की संकल्पना संघ की निंव में ही डालीं गई है ! यह ‘तमस ‘शिर्षक के उपन्यास में भिष्म साहनी ने जो बाद में हिंदी टीवी धारावाहिक भी बनाया गया है ! उसमे संघ की गोपनीयता की बात बहुत ही बढ़िया ढंग से प्रस्तुत की गयी है !


महात्मा गाँधी जी की हत्या के बाद “कल तक बापू थे ! आज रहनुमाई कौन करेगा” इस शिर्षक से गोपाल कृष्ण गांधी ने सेवाग्राम के पांच दिन की बैठक का इतिवृत संपादित किया है ! यह बैठक 1948 के मार्च के 11 तारीख से 15 तक सेवाग्राम में हुई एक बैठक में, जिसमें जवाहरलाल नेहरू, मौलाना आझाद, राजेंद्र प्रसाद, आचार्य कृपलानी, जे सी कुमारप्पा, जयप्रकाश नारायण, आचार्य विनोबा भावे तथा राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज भी शामिल थे इस बैठक में आचार्य विनोबा भावे जी ने खुद होकर पंद्रह मार्च को कहा कि मैं कुछ कहना चाहता हूँ ! मैं उस प्रांत का हूँ ! जिसमें आर एस एस का जन्म हुआ है ! जाति छोड़कर बैठा हूँ ! लेकिन भूल नहीं सकता कि उसकी जाति का हूँ ! जिसके द्वारा यह घटना हुई है ! कुमारप्पा और कृपलानी जी ने परसों फौजी बंदोबस्त के खिलाफ सख्त बातें कही है ! मैं चुपचाप बैठा रहा ! वे दुःख के साथ बोलते थे! मैं दुःख के साथ चुप था ! न बोलने वाले का दुःख जाहिर नहीं होता ! मैं इसलिए नहीं बोला कि मुझे दुःख के साथ लज्जा भी थी ! पवनार में मै बरसों से रह रहा हूँ ! वहां पर भी चार – पांच आदमियों को गिरफ्तार किया गया है ! बापू की हत्या से किसी न किसी तरह का संबंध होने का उनपर शुबह है ! वर्धा में भी गिरफ्तारियां हुईं हैं ! नागपुर में भी हुई है ! जगह जगह पर हो रही है ! यह संगठन इतने बड़े पैमाने पर बडी कुशलता के साथ फैलाया गया है! इसके मूल बहुत गहरे पहुंच चुके हैं ! यह संगठन ठीक फैशिस्ट ढंग का है ! उसमे महाराष्ट्र की बुद्धि का प्रधानतया उपयोग हुआ है ! चाहे पंजाब में काम करता हो या मद्रास में ! सब प्रांतों में उसके सालार और मुख्य संचालक अक्सर महाराष्ट्रियन ब्राम्हण ही हैं !

उनके सरसंघचालक भी गोलवलकर गुरुजी भी महाराष्ट्रियन ब्राम्हण है ! इस संगठन वाले दुसरों को विश्वास में नहीं लेते ! “गांधी जी का नियम सत्य का था ! मालूम होता है कि इनका नियम असत्य का होना चाहिए ! यह असत्य उनकी टेकनिक – उनके तंत्र – और उनकी फिलॉसफी का हिस्सा है ! एक धार्मिक अखबार में मैंने उनके गुरुजी का एक लेख या भाषण पढा उसमे लिखा था कि, ‘ हिंदू धर्म का उत्तम आदर्श अर्जुन है, उसे अपने गुरुजनों के लिए आदर और प्रेम था, उसने गुरुजनों को प्रणाम किया और उनकी हत्या की, इस प्रकार की हत्या जो कर सकता है, वह स्थितप्रज्ञ है ! ” वे लोग गीता के मुझसे कम उपासक नही है ! वे गीता उतनी ही श्रध्दा से रोज पढते होंगे जितनी श्रद्धा मेरे मन में है ! मनुष्य यदि पूज्य गुरुजनों की हत्या कर सके तो वह स्थितप्रज्ञ होता है! यह उनकी गीता का तात्पर्य है ! बेचारी गीता का इसप्रकार उपयोग होता है ! मतलब यह कि यह सिर्फ दंगा-फसाद करने वाली जमात नही है ! यह फिलॉसफरो की जमात है ! उनका एक तत्वज्ञान है और उसके अनुसार निश्चय के साथ वे काम करते हैं ! धर्मग्रंथों के अर्थ करने की भी उनकी अपनी खास पद्धति हैं !
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की और हमारी कार्यप्रणाली में हमेशा विरोध रहा है ! जब हम जेल जातें थे, उस वक्त उनकी निति फौज और पुलिस में दाखिल होने की थी ! जहां हिंदू- मुसलमानों का झगड़ा खडा होने की संभावना होती, वहां वे पहुंच जाते थे ! उस वक्त की सरकार इन सब बातों को अपने फायदे की समझती थी ! इसलिए उसने भी उनको उत्तेजन दिया ! नतीजा हमको भुगतना पड़ रहा है !


आजकी परिस्थिति में मुख्य जिम्मेदारी मेरी है, महाराष्ट्र के लोगो की है ! यह संगठन महाराष्ट्र में पैदा हुआ है ! महाराष्ट्र के लोग ही उसकी जडो तक पहुंच सकते हैं ! इसलिये आप मुझे सूचना करे, मै अपना दिमाग साफ रखूंगा और अपने तरीके से काम करुंगा ! मैं किसी कमेटी में कमिट नही हूँगा ! आर एस एस से भिन्न, गहरे और दृढ विचार रखने वाले सभी लोगों की मदद लूंगा ! जो इस विचार पर खड़े हो कि हम सिर्फ शुद्ध साधनों से काम लेंगे, उन सभी लोगों की मदद लूंगा ! हमारा साधन – शुद्धि का मोर्चा बने ! उसमे सोशलिस्ट भी आ सकते हैं और दूसरे सभी आ सकते हैं ! हमको ऐसे लोगों की जरूरत है जो अपने को इन्सान समझते हैं !
ऐसे सभी लोगों को मिलकर एक मोर्चा खोलनेकी जरूरत है ! और यह बात आजसे 76 साल पहले की, होने के बावजूद ! उतनी ही मौजू है, कि जितनी महात्मा गाँधीजी के हत्या के बाद मौजू थी ! “और मेरी अपनी राय है, कि अभी भी ज्यादा समय गवाने के बजाय, विनोबाजी के सुझाव पर अमल शूरू कर देना चाहिए ! अन्यथा देश फासिज्म के संकट में दिन-प्रतिदिन फंसता ही जा रहा है ! उससे बचाने के लिए सभी सत्यवादी तथा अमनपसंद लोगों को संघटित रुप से प्रयास करना चाहिए !

Adv from Sponsors