घाटी में टारगेट किलिंग की घटनाओं के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तीन दिवसीय जम्मू-कश्मीर दौरे पर जा रहे हैं। अनुच्छेद 370 हटने के बाद शाह का ये पहला कश्मीर दौरा है। शाह की यात्रा का मकसद राज्य के विकास कार्यों की समीक्षा बताया जा रहा है, लेकिन जिन हालातों में उनका ये दौरा हो रहा है, उसे देखते हुए उनकी ये यात्रा को काफी अहम मानी जा रही है।
इस बाबत केंद्र शासित प्रदेश में सुरक्षा-व्यवस्था बेहद कड़ी कर दी गई है। इस दौरान गृह मंत्री शाह सुरक्षा अधिकारियों के साथ बेहद अहम बैठक भी करेंगे।
जानकारी के अनुसार सीआरपीएफ की वीआईपी यूनिट मुख्य रूप से स्टेज की सुरक्षा में होगी। जेके पुलिस के कमांडो सहयोग करेंगे। शुक्रवार को एडीजीपी मुकेश सिंह, एसएसपी चंदन कोहली ने भगवती नगर का दौरा कर सुरक्षा बंदोबस्त की समीक्षा की। आयोजन स्थल को सील कर दिया गया है। हरेक शख्स को पूरी जांच के बाद ही अंदर घुसने दिया जा रहा है। भगवती नगर से जुड़ने वाले तमाम रास्तों पर अतिरिक्त पुलिस कर्मियों को अर्द्धसैनिक बलों के साथ तैनात किया गया है।
सुरक्षा एजेंसियों के कई बड़े अफसर श्रीनगर पहुंचे
तवी नदी के आसपास भी पुलिस और सीआरपीएफ जवानों की तैनाती की गई है, क्योंकि आयोजन स्थल तवी नदी से सटा हुआ है। लिहाजा तवी नदी को भी सुरक्षा घेरे में ले लिया गया है। अमित शाह शनिवार को कश्मीर में सुरक्षा एजेंसियों के सभी चीफ के साथ बैठक करेंगे। आईबी, एमआई, रॉ, जेके पुलिस, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ और एनआईए के चीफ श्रीनगर पहुंच चुके हैं। कश्मीर में टारगेट कीलिंग और आतंकवाद पर लगाम लगाने के लिए ये अफसर अपने-अपने स्तर पर किए गए बंदोबस्त की जानकारी देंगे।