गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनावों की गूँज हर तरफ सुनाई दे रही है. इन चुनावों में हर पार्टी ऐसे नेता को टिकट देना चाहती है जो एक बड़े समुदाय का प्रतिनिधित्व करता हो. ऐसे ही समुदाय के एक बड़े नेता हैं हार्दिक पटेल जिन्हें अब तक कांग्रेस पार्टी अपने पाले में लेने में सफल रही है लेकिन अब मामला कुछ उल्टा पड़ता दिखाई दे रहा है. दरअसल खबर ये है कि विधानसभा चुनाव से पहले पाटीदार समिति और कांग्रेस के बीच बातचीत बिगड़ गई है.
चुनाव में पाटीदार नेताओं को टिकट और पाटीदारों को आरक्षण देने के प्रस्तावित फॉर्म्यूले को लेकर पाटीदार समिति और कांग्रेस के बीच दिल्ली में अहम बैठक थी, लेकिन कांग्रेस नेताओं की तरफ से कथित तौर पर नजरअंदाज किए जाने से नाराज पटेल नेताओं ने कांग्रेस को 24 घंटे का अल्टीमेटम दे दिया है. जानकारी के मुताबिक पटेल नेताओं ने 30-35 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए जाने की मांग की थी. लेकिन सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस इतनी सीटें देने को तैयार नहीं हुई.
बता दें कि विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र बीजेपी ने अपने उम्मीदवारों की पहली पहली सूची जारी की थी जिसमें 17 उम्मीदवार पाटीदार समुदाय से ताल्लुक रखते हैं ऐसे में अब कांग्रेस पार्टी पर भी पाटीदार दबाव बना रहे हैं कि ज्यादा संख्या में उनके प्रत्याशियों को टिकट दिया जाए.
Read More on Political News: तस्वीर को लेकर बुरे फंसे तेजप्रताप, सुप्रीम कोर्ट ने माँगा जवाब
शुक्रवार को कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने पाटीदार नेताओं से बातचीत की. इस बातचीत के बाद पाटीदार नेताओं में नाखुशी दिखी. देर रात पाटीदार नेताओं ने खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर कर दी. हार्दिक पटेल के प्रतिनिधि दिनेश बमभानिया ने कांग्रेस पर नजरअंदाज करने का आरोप लगाया. दिनेश बमभानिया ने कहा कि कांग्रेस ने हमें मिलने के लिए बुलाया लेकिन पूरे दिन हमें मिलने का वक्त नहीं दिया. कांग्रेस ने हमारी बेइज्जती की है.
कांग्रेस पार्टी को भी यह बात भली भाँती ज्ञात है कि गुजरात में अगर पाटीदारों का संतुलन गड़बड़ाया तो इससे विधानसभा चुनावों में पार्टी को बड़ा नुक्सान झेलना पड़ सकता है. पाटीदार इस मांग पर अड़े हुए हैं कि उनके लगभग 30 से 35 प्रत्याशियों को टिकट दिया जाए लेकिन अभी कांग्रेस इस बात को मानने से मना कर रही है. अभी तक तो गुजरात में कांग्रेस की हालत देखकर ऐसा लग रहा है कि ये ना जल्द ही हाँ में बदल सकती है.