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गुजरात विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस पार्टी पाटीदारों के सबसे बड़े नेता हार्दिक पटेल को अपने पाले में लाने में सफल रही थी लेकिन कुछ दिनों से हार्दिक और कांग्रेस पार्टी के बीच दूरियां बढ़ गयी हैं. दरअसल हार्दिक चाहते हैं थे कि गुजरात विधानसभा चुनावों में पाटीदार समाज से ताल्लुक रखने वाले लगभग 20 नेताओं को टिकट दिया जाए लेकिन कांग्रेस ने रविवार को प्रत्याशियों की जो लिस्ट जारी की है उसमें सिर्फ दो सदस्यों-ललित वसोया और अमित ठुम्मर को जगह दी गयी है.

बता दें कि हार्दिक पटेल ने अहमदाबाद एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस की और इस दौरान बोलते हुए उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस की सरकार बनती है तो वो पाटीदारों को आरक्षण देने के लिए प्रस्ताव लाएगी. हार्दिक पटेल ने बताया कि 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण संभव है. प्रेस कांफ्रेंस में बोलते हुए हार्दिक पटेल ने बताया कि पाटीदारों के वोट बांटने के लिए बीजेपी ने 200 करोड़ का बजट बनाया है साथ ही उन्होंने यह बात भी साफ़ कर दी है कि वो किसी पार्टी में शामिल नहीं होने वाले हैं.

हार्दिक ने बताया कि गुजरात में विकास की झूठी तस्वीर दिखाई जा रही है. मेरे लिए सत्ता में रहना ज़रूरी नहीं है. साथ ही यह भी कहा कि हमने कांग्रेस के साथ टिकटों की सौदेबाजी नहीं की है और इस लड़ाई में जो सही है हम उसी को समर्थन करेंगे. हार्दिक की बातों को सुनने के बाद तो अब ऐसा लग रहा है कि उनके और कांग्रेस के बीच हालात अभी भी सामान्य हैं.

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इससे पहले हार्दिक ने कहा था कि 18 नवंबर को गांधीनगर में रैली करूंगा क्‍योंकि कांग्रेस के साथ समझौता हो गया है लेकिन बाद में रैली को रद्द कर दिया. 20 नवंबर को हार्दिक की राजकोट में रैली थी लेकिन उसे भी रद्द कर दिया था.

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