कुछ समय पहले कांग्रेस ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया था कि 36 राफेल लड़ाकू विमान सौदे में घोटाला हुआ है. कांग्रेस का दावा था कि मोदी सरकार ने विमानों की कीमत से कहीं ज्यादा दाम पर उनको खरीदा है, और अब इसी मामले पर फ्रांस सरकार ने कांग्रेस के दावों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है.
कांग्रेस का आरोप था कि मोदी सरकार ने फ्रांस की कम्पनी से 58,000 करोड़ रुपये में 36 विमानों की खरीद का सौदा किया था. इस समझौते की तुलना कांग्रेस ने यूपीए की साल 2012 की सरकार के दौरान हुए समझौते से की थी. कांग्रेस की तरफ से बताया गया है कि मोदी सरकार में हुए समझौते में विमानों को खरीदने के लिए तीन गुना ज्यादा रकम चुकाई है. जबकि यूपीए सरकार के दौरान जो समझौता हुआ था उसमें भी विमानों की खरीद फ्रांस की कम्पनी से ही की गयी थी तो ऐसे में विमानों के दाम टीन गुना कैसे बढ़ गये.
बता दें कि डसाल्ट एवियेशन ने भारतीय वायुसेना को 36 राफेल लड़ाकू विमान देने हैं. इधर , अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस डिफेंस लिमिटेड ने कांग्रेस को चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि वह अपने आरोप वापस ले. यदि वह ऐसा नहीं करती तो उस पर मुकदमा किया जाएगा.
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कांग्रेस के आरोप यहीं खत्म नहीं हुए. उसने आगे कहा कि सरकार सिर्फ एक इंड्रस्टियल ग्रुप रिलायंस डिफेंस लिमिटेड को फायदा पहुंचा रही है. इस कंपनी ने फ्रांस की डसाल्ट एवियेशन के साथ मिलकर 30 करोड़ रुपये का निवेश किया है.