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सुप्रीम कोर्ट में आर्टिकल 35A को लेकर सुनवाई थी लेकिन ये सुनवाई टल गई. अब अगली सुनवाई की तारीख जनवरी में तय की गई है. आज सुनवाई के दिन कश्मीर में हालात बिगड़ने की आशंका थी. सुप्रीम कोर्ट में केन्द्र सरकार ने पंचायत चुनाव का हवाला देकर चुनाव की तारीख स्थगित कर दी है

आपको बता दे कि कोर्ट में आर्टिकल 35A को लेकर दिल्ली के एक एनजीओ we the citizen ने जनहित याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी. गौरतलब है कि आर्टिकल 35A कश्मीर को विशेषअधिकार देता है. कि भारत का कोई भी नागरिक कश्मीर में न ही कोई सम्पति खरीद सकता हैं  और अगर कोई भी गैर-कश्मीरी लड़की किसी गैर-कश्मीरी लड़के से शादी करती है तो वो अपने सारे अधिकार खो देते है

गौरतलब है कि 26 अक्टूबर 1957 को तत्कालिक राष्ट्रपति डाक्टर राजेन्द्र प्रसाद ने आर्टिकल 35A  को लागू किया था और अब इस आर्टिकल में संशोंधन करने की बात कहीं जा रही हैं क्योंकि ऐसा कहा जा रहा है कि ये आर्टिकल भारत के नागरिकों के अधिकारों को सीमित करता है.

और इसके साथ ही इस बात की भी दुहाई दी जाती हैं कि ये कानून ससंद के दोनों सदनों में बिना बहस के ही लागू हो गया था. जिसकी वजह से अब इसमें संशोंधन करने की बात कहीं जा रही है.

क्या है आर्टिकल 35A

धारा 35A इस अनुच्छेद को लागू करने के लिए तत्कालीन सरकार ने धारा 370 के अंतर्गत प्राप्त शक्ति का इस्तेमाल किया था।इतिहास की माने तो इसे राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने 14 मई 1954 को लागू किया था। इस आदेश के राष्ट्रपति द्वारा पारित किए जाने के बाद भारत के संविधान में इसे जोड़ दिया गया। अनुच्छेद 35A धारा 370 का हिस्सा है। इस धारा के तहत जम्मू-कश्मीर के अलावा भारत के किसी भी राज्य का नागरिक जम्मू-कश्मीर में कोई संपत्ति नहीं खरीद सकता इसके साथ ही वहां का नागरिक भी नहीं बन सकता।

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