देश में एकसमान कर प्रणाली गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) लागू होने के बाद सबसे व्यस्तम रहनेवाले राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या-02 (जीटी रोड) पर चलनेवाले मालवाहक वाहनों में भारी कमी आ गई है. कह सकते हैं कि जीएसटी ने जीटी रोड की रफ्तार रोक दी है. सबसे बड़ी बात यह है कि बिना परमिट और अवैध माल से लदे वाहनों को जांच चौकी से पार कराने वाले एंट्री माफिया का धंधा मंदा हो गया है. ओवरलोडेड वाहनों का भी परिचालन अभी बंद है. वाणिज्य कर विभाग ने जांच चौकी से अपना कार्यालय हटा लिया है. इसके कारण बिहार में पड़ने वाले जांच चौकी पूरी तरह से वीरान हो गए हैं.
इन जांच चौकियों से सभी वाहन बिना रुकावट के पार हो रहे हैं. इससे बड़ा फायदा यह है कि पर्यावरण को नुकसान नहीं हो रहा है और ईंधन की भी बचत हो रही है. इससे मालवाहक वाहनों के चालक खुश हैं कि उन्हें चेक पोस्ट पर घंटों खड़े रहकर कागजात की जांच कराने की फजीहत से निजात मिल गई है. वहीं अवैध रूप से बिना कागजात के माल लदे वाहनों को चेक पोस्ट से पार कराने वाले एंट्री माफिया और उनके सम्पर्क में लाइन होटल चलाने वाले परेशान हैं. ये अब दूसरे धंधों की तलाश में जुट गए हैं.
राज्य के सबसे व्यस्ततम समेकित चेकपोस्ट गया के डोभी, कर्मनाशा, बक्सर या फिर नवादा के रजौली की अंतरराज्यीय चेक पोस्ट सभी पर सन्नाटा पसरा है. किसी भी चेक पोस्ट पर वाहनों की कतार नजर नहीं आती है. वाणिज्य कर विभाग द्वारा अपने कर्मियों को हटा लिए जाने से परिवहन विभाग को ओवरलोडेड वाहनों के कागजात तथा खनन एवं उत्पाद विभाग को शराब आदि की जांच करने में परेशानी हो रही है. जांच के नाम पर भी अब सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है. वन विभाग के कर्मी भी जांच के नाम पर चेक पोस्ट पर बैठकर समय गुजार रहे हैं.
इसका कारण यह है कि वाणिज्य कर विभाग के कारण जांच करवाने के लिए सभी चेक पोस्टों पर वाहनों की लंबी कतार लगी रहती थी. इसी दौरान सभी विभाग के कर्मचारियों को भी जांच करने का मौका मिल जाता था. उस दौरान हथियार बंद सुरक्षाकर्मी भी बड़ी संख्या में चेक पोस्ट पर तैनात रहते थे. लेकिन अब वैसी स्थिति है नहीं, जिसके कारण सभी चेक पोस्टों का नजारा बदला-बदला सा नजर आ रहा है. जीएसटी लागू होने से पहले चेकपोस्ट पर ढाई से तीन किलोमीटर दूर तक वाहनों की कतार लग जाती थी.
नवादा में रजौली अंतरराज्यीय जांच चौकी से दस किलोमीटर पहले ही दिबौर से रजौली तक के लाइन होटलों पर एंट्री माफिया का जमावड़ा लगा रहता था, जो अब खत्म हो गया है. गया के डाभी चेक पोस्ट पर अब वाहनों की रफ्तार धीमी नहीं हो रही है या फिर वाहन रुक नहीं रहे हैं, जिसके कारण परिवहन, खनन, उत्पाद तथा वन विभाग के कर्मी वाहनों की जांच नही कर पा रहे हैं.
इन विभागों के अधिकारियों ने डोभी चेक पोस्ट के दोनों ओर स्पीड ब्रेकर बनवाने की मांग की है. पहले वाणिज्य कर विभाग से इन और आउट मुहर लेने के लिए हर मालवाहक वाहन को रुकना पड़ता था. इन विभागों के अधिकारियों ने चेक पोस्ट पर वाहन रोकने की व्यवस्था करने की मांग करते हुए कहा कि सुरक्षा बल की तैनाती के बाद ही चेक पोस्ट पर वाहनों की जांच संभव है.
परिवहन व्यवस्था के लिए प्राचीन काल से चर्चित जीटी रोड (अब राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या-02) पर प्रतिदिन औसतन चार से पांच हजार वाहन गुजरते हैं. इसमें से आधे वाहन मालवाहक होते हैं. 24 घंटे में दो-ढाई हजार वाहनों की लाठीधारी सुरक्षा बलों के सहारे जांच करना काफी मुश्किल काम है. गया के डोभी चेकपोस्ट को कुछ वर्ष पूर्व कुछ असामाजिक तत्वों ने आग के हवाले कर दिया था. अपराधी यहां से राशि भी लूटकर ले गए थे. इस चेकपोस्ट पर नक्सलियों का हमला भी हो चुका है.
जीएसटी लागू होने के बाद अगर समेकित जांच चौकियों पर उत्पन्न समस्याओं को दूर नहीं किया गया तो ट्रक चालकों की मनमानी और बढ़ जाने की उम्मीद है. अब एंट्री माफिया भी परिवहन विभाग के अधिकारियों के साथ सांठ-गांठ कर ओवरलोडेड वाहनों से कुछ कमाई का रास्ता तलाश रहे हैं. हालांकि पक्के बिल और सही कागजात पर माल की ढुलाई करने वाले वाहनों में कमी आ गई है. जीटी रोड पर ऐसे मालवाहक वाहनों की संख्या कुछ कम हो गई है. अब देखना है कि आने वाले समय में जीएसटी के कारण कारोबार फिर पुराने ढर्रे पर लौटता है या नहीं.