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शुक्रवार को संसदीय बैठक में सरकार ने ऑनलाइन होने वाली धोखाधड़ी की पोल खोकर रख दी है. ऑनलाइन धोने वाली धोखाधड़ी के आंकड़े सुनकर आप के भी कान खड़े हो जाएंगे. सरकार ने संसद में बताया कि वर्ष 2017 में (21 दिसंबर तक) क्रेडिट-डेबिट कार्ड तथा इंटरनेट बैंकिंग से संबंधित 179 करोड़ रुपये की संलग्नता वाले करीब 25,800 धोखाधड़ी के मामले की सूचना है.

आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने एक प्रश्न के उत्तर को राज्यसभा में लिखित रूप में बताया कि ‘‘भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा दिए गये आंकड़ों के अनुसार बैंकों ने बताया है कि एटीएम, क्रेडिट, डेबिट कार्डो से संबंधित धोखाधड़ी के दिसंबर 2017 की तिमाही (21 दिसंबर तक) में 10,220 मामले दर्ज कराये गये हैं.’’ इतना ही नही आईटी मंत्री ने ये भी बताया कि उक्त तिमाही में ऑनलाइन धोखाधड़ी में शामिल राशि की मात्रा 111.85 करोड़ रुपये है.

साथ ही प्रसाद ने बताया कि उन्हें ऑनलाइन होने वाले धोखाधड़ी में सितंबर को समाप्त तिमाही में धोखाधड़ी के 7,372 मामले, जून को समाप्त तिमाही में 5,148 मामले और वर्ष 2017 के मार्च की तिमाही में 3,077 मामले के बारे में सूचना मिली है.

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वही एक संसदीय ​समिति ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को साइबर अपराध पर नोडल एजेंसी या हेल्पलाइन शुरू करनी चाहिए जो लोगों को जागरुक करें और धोखाधड़ी से पीड़ितों की मदद करे.

इलेक्ट्रोनिक्स व आईटी मंत्रालय ने हालांकि समिति को सूचित किया है कि गृह मंत्रालय महिलाओं व बच्चों के खिलाफ साइबर अपराधों को लेकर एक केंद्रीयकृत पोर्टल शुरू कर रहा है. इसके साथ ही समिति ने दूरसंचार विभाग से कहा है कि वह ट्राई कानून में उचित बदलावों के लिए त्वरित कार्रवाई करे ताकि ट्राई को इस ​क्षेत्र के प्रभावी नियमन के अधिकार मिलें.

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