नई दिल्ली (ब्यूरो, चौथी दुनिया)। योगी आदित्यनाथ की छवि एक कट्टर हिंदू की रही है। उन्हे मुस्लिम विरोधी भी करार दिया जाता है लेकिन गोरखपुर में वो मुस्लिमों के भी मसीहा है। वहां कई बार योगी जिंदाबाद के नारे मुस्लिम लगाते दिखे हैं। योगी की इस छवि के कई किस्से हैं।
पुराने गोरखपुर में रहने वाले जुनैद अंसारी कहते हैं कि एक बार उनके इलाके में रास्ता रोक दिया गया था। जिस पक्ष ने रास्ता रोका था उसके रिश्तेदार न्याय विभाग में थे। बात मंहत के पास पहुंची तो योगी खुद रास्ते पर पहुंचे वहां खड़ी की गई दीवार की ईंटे उखाड़ फेकी। तत्कालीन सपा सरकार का भी खासा दबाव था लेकि योगी के पहुंचने के बाद मामला सुलझ गया।
इन कारणों से योगी बने शाह और मोदी की पहली पसंद !
गोरखनाथ मंदिर से अपने शहर को संभाल रहे योगी आदित्यनाथ अब सूबे की सत्ता के शीर्ष पर पहुंच चुके हैं। देखना दिलचस्प होगा कि वो क्या इसी तरह से उत्तर प्रदेश के मुसलमानों के मसीहा बन पाते हैं। क्योकि फिलहाल तो बीजेपी को वोट देने वाले लोगों में योगी आदित्यनाथ को लेकर स्वीकार्यता नहीं बन पाई है।