Gorakhpur

प्रभात रंजन दीन : गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में 60 से अधिक बच्चों की मौत पर समाजवादी पार्टी ने फौरन अपनी प्रतिक्रिया का पिटारा खोल दिया. पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से लेकर प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी तक भाजपा सरकार की बदइंतजामी के खिलाफ ताबड़तोड़ बोलने लगे, ऐसा करते समय समाजवादी पार्टी के इन नेताओं ने अपनी गिरेबान में नहीं झांका कि सब किया धरा उन्हीं का है, ठीकरा योगी सरकार पर फूट रहा है. अखिलेश यादव ने कहा कि बच्चों की मौत ऑक्सीजन की कमी से हुई है. मृतकों के परिजनों को आनन-फानन लाश देकर भगा दिया गया. मृत बच्चों का पोस्टमार्टम तक नहीं कराया गया. अखिलेश ने आरोप लगाया कि योगी सरकार ने सच्चाई छुपाने के लिए यह किया. सरकार बच्चों की जान जाने का कारण नहीं बता पा रही है. सरकार मौतों को छिपा रही है. मृतक बच्चों के परिजनों को अस्पताल के पीछे के रास्ते से बाहर निकाला जा रहा था.

अखिलेश ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री स्तर पर हुई समीक्षा में भी ऑक्सीजन का भुगतान न होने की बात सामने नहीं लाई गई तो गलती किसकी है. अखिलेश ने कहा कि हो सकता है कि कमीशन की वजह से ऑक्सीजन का भुगतान न हुआ हो. सपा के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि सपा अध्यक्ष ने गोरखपुर अस्पताल में बच्चों की मौत की जांच पार्टी की जांच समिति से कराने का फैसला किया है. जांच समिति में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी, पूर्वमंत्री ब्रह्माशंकर त्रिपाठी, एमएलसी संतोष यादव सनी, पूर्व राज्यमंत्री राधेश्याम सिंह, जिलाध्यक्ष प्रह्लाद यादव और महानगर अध्यक्ष जियाउल इस्लाम शामिल हैं.

दूसरी तरफ स्वराज अभियान संस्था ने बच्चों की मौत को सरकार की आपराधिक लापरवाही बताया है और प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री से इस्तीफा मांगा है. स्वराज अभियान के राज्य कार्य समिति सदस्य और यूपी वर्कर्स फ्रंट के प्रदेश अध्यक्ष दिनकर कपूर ने कहा कि ऑक्सीजन की सप्लाई का बाधित होना और सरकार का इस ओर कोई ध्यान नहीं देना प्रदेश सरकार की आपराधिक लापरवाही है. स्वास्थ्य मंत्री द्वारा पिछले तीन वर्षों के दौरान बच्चों की मौत के जो आकंड़े पेश किए गए, वे यह बताते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गोरखपुर में इंसेफ्लाइटिस से बच्चों की मौतों को रोकने का किया गया वायदा झूठा साबित हुआ है. दिनकर कपूर ने कहा कि योगी सरकार के बनने के बाद प्रदेश के सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों को धन नहीं भेजा गया. यहां तक कि कई जगह दवा की आपूर्ति तक नहीं की गई है. हालत इतनी बुरी है कि प्रदेश में डाक्टरों समेत चिकित्सा स्टाफ की भारी कमी है. कपूर ने हादसे का शिकार हुए बच्चों के परिजनों को पचास लाख रुपए का मुआवजा देने की मांग की.

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