जैसा कि इन दिनों मी टू कैंपेन ज़ोरो पर है और इसके तहत कई महिलाएं खुलकर सामने आई है फिर चाहे वो आम हो या कोई सेलिब्रीटी और इन ओरोपो को लेकर सख्त कदम भी उठाए जा रहे है. इसी के तहत अब दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनी गूगल ने एक बढ़ा कदम उठाया है और कंपनी के 48 कर्मचारियों को यौन अपराध के जुर्म में बाहर का रास्ता दिखा दिया है. इसमें कंपनी के 13 वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल है. इस संबंध में कंपनी के सीईओ सुंदर पीचाई ने एक बयान जारी किया. ये कदम कंपनी ने एक मीडिया रिपोर्ट आने के बाद उठाया है.
इस रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी के कर्मचारियों को जारी किए गए एक पत्र में कंपनी के सीईओ सुंदर पिचाई ने कहा है कि इस तरह के अनुचित आचरण के लिए कंपनी ‘कठोर फैसले’ ले रही है. उनका कहना है कि पिछले 2 साल के अंदर यौन उत्पीड़न के मामलों में 48 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला गया है. सुंदर पिचाई ने कहा, ‘हम आपको आश्वस्त करना चाहते हैं कि हम यौन उत्पीड़न या अनुचित आचरण के बारे में आई प्रत्येक शिकायत की समीक्षा, जांच और कार्रवाई करते हैं.’ पिचाई ने यह भी कहा कि कंपनी से बाहर किए गए किसी भी कर्मचारी को एग्जिट पैकेज नहीं दिया गया है.
बता दें कि कंपनी के एक वरिष्ठ कर्मचारी एंडी रुबिन पर दुर्व्यवहार के आरोप लगे थे. एक स्थानीय अखबार ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि रुबिन को उन पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों के बदले 90 मिलियन डॉलर (लगभग 650 करोड़ रुपये) का पैकेज देकर हटाया गया था. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रुबिन को एक बेहद ही शानदार विदाई दी गई थी. हालांकि, यह भी लिखा था कि रुबिन के एक प्रवक्ता ने यौन उत्पीड़न के इन आरोपों से इनकार किया है.