भोपाल। भगवान खुद भक्त के पास आकर पूछें कि बता तुझे क्या चाहिए, जिस तरह के विचार किसी याचक के मन में आते हैं, ऐसे ही कुछ विचार उस दिव्यांग के मन मस्तिष्क पर अंकित होने लगे, जब वह अपनी समस्या लेकर पहुंचा। एसडीएम खुद उसके पास चले आए, उसका आवेदन लिया और जल्दी ही उसकी समस्या के निवारण का आश्वासन भी उन्होंने दिया।

मामला बैरसिया तहसील के एसडीएम कार्यालय का है। गुरुवार को एक दिव्यांग अपनी फरियाद लेकर यहां पहुंचा था। एसडीएम बैरसिया आरएन श्रीवास्तव जब यह बात पता चली तो वे अपने आफिस से निकलकर बाहर आए और दिव्यांग व्यक्ति का आवेदन लिया। उन्होंने उसकी समस्या का निराकरण करने के लिए सम्बंधित को निर्देशित भी किया। एसडीएम के पास आवेदन लेकर पहुंचा दिव्यांग एसडीएम को खुद अपने पास आता हुआ देख हैरान रह गया और फटी आंखों से पूरे समय एसडीएम को निहारता रहा। उसे यकीन नहीं हो रहा था कि जिस अधिकारी के पास उसको आवेदन लेकर जाना था, वे खुद उसके पास चल कर आ गया। यह देखकर फरियादी को काफी खुशी हुई और अपना आवेदन देने के बाद उसको लगा कि मानो अब उसकी फरियाद पूरी हो जाएगी।

पहले भी पेश कर चुके मिसाल
यह कोई पहली बार नहीं था, जब बैरसिया एसडीएम आरएन श्रीवास्तव ने सुशासन या नवाचार की मिसाल पेश की हो, इससे पहले भी चाहे कोरोना संक्रमण काल हो या फिर वेक्सीनेशन। कोरोना संकमण काल में जब ग्रामीण कोरोना का टेस्ट नहीं करवा रहे थे, तब एसडीएम ने सबसे पहले अपना टेस्ट करवाया, उनको देखकर ग्रामीण भी टेस्ट करवाने लगे। वहीं वैक्सीन को लेकर फैले भ्रम को दूर करने के लिए एसडीएम ने तहसील के गांव-गांव तक जाकर गली-गली का दौरा किया और लोगों को समझाइश दी। यही वजह है कि आज बैरसिया वैक्सीनेशन में काफी आगे है।

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