भोपाल। किसान आंदोलन को लेकर सक्रिय हुए पूर्व पीसीसी चीफ अरुण यादव ने अब स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी पर निशाना साधा है। नियमविरुद्ध किए जा रहे प्रमोशन को लेकर उन्होंने चौधरी पर तंज कसा है। सोशल मीडिया पर उन्होंने लिखा है कि ‘प्रभु कहीं बेड़ा गर्त न कर दें…!’
अरुण यादव ने शाजापुर में पदस्थ किए गए राजू निदारिया के बहाल किए जाने पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि उज्जैन चुंबन कांड से चर्चित और बदनाम हुए डॉ. राजू निदानिया को शाजापुर का सीएमएचओ बनाया जाना गंभीर कहा जा सकता है। कारण यह है कि डॉ. निदारिया की इस अश्लीलता को लेकर कांग्रेस सरकार ने सस्पेंड किया था। निदारिया उस समय उज्जैन में सिविल सर्जन के पद पर थे। अरुण यादव ने इस बात पर भी एतराज उठाया है कि डॉ. निदारिया को बहाल करने के लिए जिस सीनियर डॉक्टर को अपदस्थ किया गया है, उन डॉ. फुलम्बरीकर की सेवानिवृत्ति को महज दो माह का ही समय बाकी है। यादव ने कहा कि किसी रिटायर होने वाले अधिकारी-कर्मचारी को महज दो पहले उसके पद से हटाया जाना भी सेवा नियमों के विपरीत है।


नाथ को ओवरटेक करने में लगे अरुण
किसान आंदोलन को लेकर धीमे फार्म में चल रही कांग्रेस को अरुण यादव ने नई ऊर्जा देने का बीड़ा उठाया है। राजधानी भोपाल में रौशनपुरा चौराहे पर प्रदेशव्यापी आंदोलन की बागडोर संभालने के बाद वे प्रदेश के कई जिलों में ट्रैक्टर रैलियां निकालने में व्यस्त हैं। सिरोंज, रेहटी, देवास के बाद उन्होंने मंदसौर में भी रैली निकालकर अपनी ताकत का अंदाज करवाया है। इधर पिछले कुछ दिनों से किसान आंदोलन पर चुप्पी साधे रखने को लेकर कमलनाथ सियासी चर्चाओं में हैं। ऐसे में अरुण का आंदोलन हाईजैक कर लेना कमलनाथ को केन्द्रीय संगठन के सामने कमजोर करने जैसा साबित हो रहा है।
किसानों आंदोलन का बड़ा अनुभव
अरुण यादव के पिता स्व. सुभाष यादव को प्रदेश में सहकारिता का जनक कहा जाता रहा है। उन्होंने अपने कार्यकाल में किसानों की समस्याओं को लेकर कई बड़े आंदोलन किए हैं। इसी तर्ज पर अरुण यादव भी किसान हित के लिए हमेशा आगे रहे हैं और अपने पिता की ही तरह आंदोलन को आगे बढ़ा रहे हैं।
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    खान अशु

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