देशभर में  गणेशोत्सव का त्यौहार धूमधाम से मनाया जा रहा है. महाराष्ट्र खासकर मुम्बई के गणेशोत्सव की अलग ही छंटा देखने को मिलती है. लेकिन क्या आपको पता है कि भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा आरती करने से 21 प्रकार के कष्टों से छुटकारा मिल सकता है.

जी हां जानकार बताते हैं कि गणेश भगवान की पूजा के बाद उनकी आरती करना विशेष फलदायी होता है. हालाकिं कि इस दौरान कुछ सावधानियां भी बरतनी होती हैं. शास्त्रों के मुताबिक यदि आप घर में बप्पा की स्थापना नहीं कर रहे तो भी आप बप्पा को दूर्वा जरूर चढ़ाएं और उनकी आरती करने के बाद उन्हें भोग लगाएं. इस दौरान ध्यान देने वाली बात ये है कि स्नान आदि करने के बाद उन्हें उत्तर दिशा की ओर जल देना चाहिए. साथ ही जब भी आप उन्हें जल का अर्घ दें वह जल किसी अन्य जल के पात्र में ही गिरना चाहिए.

फिर इस जल को आप पौधों में डाल दें.  लेकिन अगर आप गणेश चतुर्थी का व्रत रखते हैं तो आपको गणपति जी की पूजा में विधिवत कलश आदि की स्थापना करनी चाहिए.

लेकिन यदि आप केवल गणपति जी प्रतिमा की स्थापना नहीं करते तो भी आप घर के मंदिर में भगवान गणेश की पूजा के दौरान 21 दूर्वा जरूर चढ़ाए. जो आपके कई कष्ट दूर हो जाएंगे. बताया जाता है कि गणेश जी को मोदक चढ़ाने से गणेश-शिव जी दोनों ही प्रसन्न होते हैं. दरअसल माता पार्वती ने परीक्षा में सफल होने के बाद देवों द्वारा दिया मोदक गणेश जी को भेंट किया था इसलिए मोदक उनका सबसे प्रिय भोग है. मान्यता है कि मोदक खाने वाला अमर होता और सभी शास्त्रों का ज्ञानी बनता है इसके अलावा गणेश जी को मूंग की दाल का मोदक भी प्रिय हैं. ऐसे में गणेश भक्तों को दाल का मोदक और दूर्वा अर्पण करने के बाद भगवन गणेश की आरती जरुर करनी चाहिए. जिसके बाद अपनी गलतियों की माफ़ी मांगने के साथ ही प्रसाद का सेवन जरुर करना चाहिए.

गणेश जी की आरती :

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ॥ जय…

एक दंत दयावंत चार भुजा धारी।
माथे सिंदूर सोहे मूसे की सवारी ॥ जय…

अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥ जय…

हार चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे संत करें सेवा ॥ जय…

दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो जाऊं बलिहारी॥ जय…

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