पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की जयंती केजरिए समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने अपने कई राजनीतिक हित साधे, साथ ही विरोधियों पर भी कई लक्ष्य साधे. मुलायम ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस के सांसद को तोड़ कर चंद्रशेखर की सरकार बनवाई थी. टूटने वाले कांग्रेस सांसद थे संजय सिंह. अभी कांग्रेस यूपी विधानसभा चुनाव में संजय सिंह को तुरुप का पत्ता बना कर इस्तेमाल करना चाहती है कि ऐन मौके पर मुलायम ने उनकी वफादारी को लेकर एक बार फिर कांग्रेस नेतृत्व के मन में खटास पैदा करने का काम कर दिया. अभी हाल ही पूर्व केंद्रीय मंत्री हंसराज भारद्वाज ने कहा था कि भ्रष्टाचार के कारण मुलायम के नेतृत्व वाली समाजवादी सरकार को यूपीए-1 के दौरान कांग्रेस बर्खास्त करना चाहती थी. मुलायम के इस बयान को हंसराज भारद्वाज के उस बयान से हुई नाराजगी से जोड़ कर देखा जा रहा है.
बहरहाल, सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने कहा कि चंद्रशेखर से उनके बहुत अच्छे रिश्ते थे. उन्होंने ही कांग्रेस सांसद संजय सिंह को तोड़कर चंद्रशेखर को प्रधानमंत्री बनाया था. मुलायम ने कहा, जब भी मैं चंद्रशेखर जी के पास जाता था तो वह मुझे गाड़ी तक छोड़ने आते थे. एक बार कुछ लोग खड़े थे तो मैंने कहा कि चंद्रशेखर जी आपको प्रधानमंत्री बनना चाहिए. इस पर चंद्रशेखर जी के मुंह से निकला कि अगर मुलायम सिंह चाहें तो मैं 10 दिन में शपथ ले लूं. चंद्रशेखर के इतना कहने के बाद मैं गंभीर हो गया और कहा कि विचार करूंगा. फिर मैंने कांग्रेस से संजय सिंह को तोड़ा. उस समय मैं मुख्यमंत्री था पर तत्कालीन प्रधानमंत्री वीपी सिंह ने मुझे कभी मुख्यमंत्री के रूप में देखा ही नहीं.
धीरे-धीरे तत्कालीन प्रधानमंत्री वीपी सिंह से लोगों की नाराजगी बढ़ती गई और हम लोगों ने विद्रोह कर चंद्रशेखर जी को प्रधानमंत्री बना दिया. उसके बाद बात उठी कि कांग्रेस को कौन तोड़े तो मैंने राजीव गांधी से मिलकर बात की. चंद्रशेखर को समर्थन के सवाल पर वह राजीव गांधी से मिले. राजीव गांधी ने यह शर्त रखी कि मंत्रिमंडल कितना भी बड़ा हो पर कमल मोरारका को मंत्री न बनाया जाए. लेकिन चंद्रशेखर ने यह बात नहीं मानी. उन्होंने कमल मोरारका को मंत्री बनाया और मित्रता के निर्वहन के लिए प्रधानमंत्री की कुर्सी गंवा दी. चंद्रशेखर जी अपने निष्ठावान साथी का अपमान नहीं होने देना चाहते थे. मुलायम ने कहा कि चंद्रशेखर साधारण घर से निकलकर प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुंचे. वह हमारे आदर्श हैं. हम लोगों ने वीपी सिंह से विद्रोह करके उन्हें प्रधानमंत्री बनवाया था. यदि वह कमल मोरारका को मंत्रिपरिषद से हटा देते तो कांग्रेस उनसे समर्थन वापस नहीं लेती.
मुलायम ने कहा कि जब सोशलिस्ट पार्टी और प्रजा सोशलिस्ट पार्टी मिलकर संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी बनी तब इसमें कई गुट बने लेकिन तब भी चंद्रशेखर जी ने कोई गुट नहीं बनाया. मुलायम ने चंद्रशेखर को बेमिसाल नेता बताया. मुलायम ने इसी बहाने मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और कहा कि देश में दो प्रधानमंत्री चंद्रशेखर और चौधरी चरण सिंह ने यूपी पर ध्यान दिया, जबकि दिल्ली में बैठी प्रधानमंत्री मोदी की सरकार मनमर्जियां करती है. केंद्र सरकार मनमानियां कर रही है. समाजवादी नेताओं का अब अलग-थलग रहने से काम नहीं चलेगा.
सभी समाजवादियों को इकठ्ठा होना पड़ेगा. मोदी के खिलाफ बोलते हुए उन्होंने कहा कि बनारस में अभी तक क्या काम हुआ है? कितने घाट संवर गए हैं? प्रधानमंत्री मोदी शौचालय की बात करते हैं, जबकि हमने 1989 में ही शौचालय बनवाने शुरू कर दिए थे. मुलायम ने यूपी को संवारने के लिए चंद्रशेखर और चौधरी चरण सिंह के प्रति अपना आभार जताया. मुलायम ने यहां तक कहा कि समाजवादी पार्टी पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर को अपने आदर्श नेता के रूप में मानती है. मुलायम ने इस मौके पर जनता दल का भी जिक्र किया और कहा कि जनता परिवार बनने के दौरान सबने पार्टी मुखिया के रूप में सर्वसम्मति से उनके नाम की घोषणा की. पार्टी में सभी नेताओं का बराबर सम्मान है. लिहाजा सबकी राय लेने के बाद पार्टी में कोई फैसला लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि सबको लेकर आगे चलना है, तभी कामयाबी मिलेगी.
चंद्रशेखर जयंती के मौके पर सपा के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह दव ने अलग ही लाईन ली. उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के साथ पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन का भी नाम लिया और कहा कि दोनों हमारे राष्ट्रीय धरोहर हैं. शिवपाल ने यह भी कहा कि हमारे लिए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का नहीं बल्कि सर्वपल्ली राधाकृष्णन का हिंदुत्व आदर्श है. शिवपाल सिंह ने कहा कि चंद्रशेखर ने हमेशा जनसंघर्षों की अगुवाई की. उन्होंने आचार्य नरेन्द्र देव से समाजवाद की दीक्षा ली और जीवनपर्यंत समाजवाद और लोकतंत्र को मजबूत करते रहे. वे बुनियादी तौर पर हर तरीके के अन्याय, भ्रष्टाचार व गैर बराबरी के धुर विरोधी थे. उन्होंने सदन में पक्ष-विपक्ष से परे एक निष्पक्ष परम्परा डाली और पूरी ईमानदारी से इसे आगे बढ़ाया.
वे हमेशा लोहिया की स्वदेशी विचारधारा को आगे बढ़ाते रहे. न केवल भारतीय बल्कि बीपी कोइराला व शैलजा आचार्य जैसे नेपाल के समाजवादियों से भी उनके अति-मधुर संबंध रहे. अपने प्रधानमंत्रित्व काल में उन्होंने खाड़ी युद्ध के दौरान उपजे भुगतान संतुलन के संकट से गुजर रही भारतीय अर्थव्यवस्था को संभाला. आज चंद्रशेखर जैसे नेताओं की देश को बहुत जरूरत है. इसके पूर्व शिवपाल सिंह यादव ने देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि देश के बुद्धिजीवियों को राधाकृष्णन से प्रेरणा लेनी चाहिए कि किस तरह अपने ज्ञान का प्रयोग देश और समाज के हित और समाज की विकृतियों को दूर करने के लिए किया जाए. राधाकृष्णन का हिन्दुत्व सभी को समाजिक सौहार्द के धागे से बांधता है जो हमें कबीर और स्वामी विवेकानन्द के करीब लाता है.
चंद्रशेखर की 89वीं जयंती के मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 17 अप्रैल को सरकारी छुट्टी का ऐलान किया. सपा कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के संसद में दिए भाषणों पर वरिष्ठ पत्रकार सुरेश बहादुर सिंह द्वारा संकलित स्पीचेज़ इन पार्लियामेंट किताब का मुलायम सिंह, अखिलेश यादव, शिवपाल यादव, भगवती सिंह जैसे वरिष्ठ नेताओं के हाथों विमोचन भी हुआ. कार्यक्रम में काबीना मंत्री अरविंद सिंह गोप, राजा भैया, राजेंद्र चौधरी, विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय, वरिष्ठ मंत्री अहमद हसन, बलवंत सिंह रामूवालिया, बलराम यादव, ओमप्रकाश सिंह, डॉ. मधु गुप्ता, अम्बिका चौधरी, अरिदमन सिंह, रामगोविन्द चौधरी, नारद राय, पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के पुत्र सांसद नीरज शेखर, एसआरएस यादव, योगेश प्रताप सिंह, राज किशोर सिंह, राम आसरे विश्वकर्मा, डॉ. अशोक बाजपेयी, अर्चना राठौर, मयंकेश्वर शरण सिंह, शंखलाल मांझी, प्रदीप तिवारी, बृजेश यादव, गीता सिंह, डॉ. राजपाल कश्यप, कुलदीप सिंह सेंगर, सरोजनी अग्रवाल, जावेद आब्दी, मूलचन्द्र चौहान, सुनील यादव समेत कई नेता मौजूद थे. कार्यक्रम की अध्यक्षता भगवती सिंह और संचालन विधान परिषद सदस्य यशवंत सिंह ने किया. इस मौके पर वरिष्ठ पत्रकार धीरेंद्र श्रीवास्तव द्वारा सम्पादित पुस्तक राष्ट्रपुरुष चंद्रशेखर का भी सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने विमोचन किया.