राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या मामले में अदालत की मदद के करने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा बतौर एमिकस क्यूरी (न्यायमित्र) नियुक्त किए गए पूर्व एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) अमरेंद्र शरण ने कोर्ट में अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इस रिपोर्ट में उन्होंने कहा है कि दोबारा इस मामले की जांच की ज़रुरत नहीं है.
एमिकस क्यूरी ने कहा है, ‘’पहले पुख्ता जांच हुई. किसी विदेशी एजेंसी का हाथ होने, दो लोगों के फायरिंग करने और चार गोली चलने के दावों में दम नहीं है। उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट में महात्मा की हत्या में दोबारा जांच की मांग के साथ याचिका दाखिल की गयी थी।अभिनव भारत के ट्रस्टी व रिसर्चर, मुंबई के डॉक्टर पंकज फडनीस ने कई कारणों से इस मामले की दोबारा जांच के लिए याचिका दाखिल करते हुए कहा था कि कि गांधीजी की हत्या में किसी विदेशी एजेंसी का हाथ हो सकता है।
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जस्टिस एस. ए. बोबडे और जस्टिस एल. नागेश्वर राव की सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने 7 अक्टूबर 2017 को शरण को एमिकस क्यूरी नियुक्त करते हुए उन्हें निर्देश दिया था कि वह गांधी हत्याकांड से जुड़े दस्तावेजों की जांच करें। 30 जनवरी 1948 को नई दिल्ली में गांधी जी को नाथूराम विनायक गोडसे ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।