[संसार की सबसे शक्तिशाली ख़ु़फिया एजेंसी एफबीआई को हरेक मामले में सफलता ही मिल गई हो, ऐसा नहीं है. इस एजेंसी को भी कई मामलों में केवल धूल ही फांकनी पड़ी है. इस बार हम बता रहे हैं, ऐसी ही एक असफलता, जिसे एफबीआई की अब तक की सबसे बड़ी नाकामयाबी कहा गया.]
डिफेंस अटॉर्नी मैक्कमोहन के मुताबिक़ एफबीआई एजेंट समिट और उसके सीनियर माइक मॉलटबी को यह भी मालूम था कि मोसावी के पास हमले से जुड़ी कई ख़ु़फिया जानकारी है. लेकिन माइक ने इससे ख़ुद ही निपटने का फैसला किया और समिट को एफएए हेडक्वार्टर में इससे संबंधित सूचना देने से रोक दिया. 9/11 कमीशन के चेयरमैन थॉमस कीन की मानें तो मोसावी से मिली सूचना पर एफबीआई अधिकारियों द्वारा कोई एक्शन नहीं लिए जाने का ही ख़ामियाज़ा था कि अमेरिका को अब तक का सबसे बड़ा आतंकी हमला झेलना पड़ा.
दुनिया का सबसे शक्तिशाली मुल्क अमेरिका. अमेरिका की सबसे बड़ी ख़ु़फिया एजेंसी एफबीआई. इसी तेज़-तर्रार ख़ु़फिया एजेंसी एफबीआई की अब तक की सबसे बड़ी लापरवाही और नाक़ामयाबी थी यह. जिसने पूरे अमेरिका में दहशत का माहौल क़ायम कर दिया. आसमान में किसी भी प्लेन को देखकर लोगों के होश उड़ जाते. हर तऱफ ख़ौ़फ का ऐसा मंजर था, मानों हर किसी के सिर पर मौत के बादल मंडरा रहे हों. जी हां, अमेरिकी इतिहास का यह अब तक का सबसे बड़ा आतंकी हमला था. जिसने लोगों को ख़ौ़फ के साए में जीने को मज़बूर कर दिया था. लेकिन इसकी सबसे बड़ी हक़ीक़त यह भी थी कि इस क़हर को रोका जा सकता था. 9/11 की यह वारदात जो अमेरिकियों पर क़हर बन कर आई थी, उसने अमेरिका ही नहीं पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया था. लोग यहां तक सोचने लगे जब एक सुपर-पावर देश, एफबीआई जैसी एजेंसी के रहते आतंकी हमलों से मह़फूज़ नहीं है, तो दुनिया का कोई भी कोना सुरक्षित नहीं हो सकता. लेकिन सभी इस बात से अनजान थे कि यह एफबीआई की जितनी बड़ी नाकामयाबी है, उससे भी बड़ी उसकी लापरवाही. कई पुख्ता सुराग होने के बावजूद इस ख़ु़फिया एजेंसी ने एहतियात नहीं बरती, जिसका ख़ामियाज़ा 3,000 से भी अधिक अमेरिकियों को अपनी जान की क़ीमत चुका कर देनी पड़ी. कई ऐसी ख़ु़फिया सूचनाएं एफबीआई को मालूम थी, जिस पर कार्रवाई कर इस हमले को रोका जा सकता था. लेकिन, एफबीआई की इस एक लापरवाही ने 3,000 से भी ज़्यादा लोगों को मौत के आगोश में ले लिया. आलम यह कि उसके बाद भी वह अपनी लापरवाही पर पर्दा डलने की कोशिश में लगी रही.
ग़ौरतलब है कि एफबीआई एजेंट हैरी समिट ने बीस लोगों की गवाही के आधार पर अमेरिकी सरकार को एक रिपोर्ट सौंपी, जिसमें बताया गया कि इस हमले को रोकना मुमकिन नहीं था. जबकि हमले की जांच करने वाली 9/11 कमीशन रिपोर्ट की मानें तो यह एफबीआई और सीआईआई की अब तक की सबसे बड़ी चूक थी, जिसने उपलब्ध ख़ु़फिया जानकारी के आधार पर भी कोई तहक़ीक़ात या छानबीन नहीं की. इस कमीशन के चेयरमैन थॉमस कीन के मुताबिक़ एफबीआई और सीआईए ने तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज बुश और उनके पूर्ववर्ती बिल-क्लिंटन दोनों को इस मसले पर अंधेरे में रखा. हालांकि हैरी समिट ने मोस्सावी से जुड़ी रिपोर्ट में प्लेन-हाईजेक से संबंधित कई सनसनीख़ेज ख़ुलासे किए थे. उनके पास मोस्सावी की व्हाइट-हाउस में घुसपैठ और हवाई प्रशिक्षण से भी जुड़ी जानकारियां थी, जिसके आधार पर ख़ु़फिया एजेंसियों को हमले के बारे में आगाह भी किया गया था. ख़ु़फिया एजेंट समिट के पास यह भी जानकारी थी कि मोसावी के लिंक ओसामा बिन लादेन से भी जुड़े हैं. लेकिन इन सबके बावजूद एफबीआई हाथ पर हाथ धरे बैठी रही. इस तरह एक-एक कर हमले की वजह की ख़ामियां परत-दर-परत खुलती जा रही थीं. डिफेंस अटॉर्नी मैक्कमोहन के मुताबिक़ एफबीआई एजेंट समिट और उसके सीनियर माइक मॉलटबी को यह भी मालूम था कि मोस्सावी के पास हमले से जुड़ी कई ख़ु़फिया जानकारी है. लेकिन माइक ने इससे ख़ुद ही निपटने का फैसला किया और समिट को एफएए हेडक्वार्टर में इससे संबंधित सूचना देने से रोक दिया. 9/11 कमीशन के चेयरमैन थॉमस कीन की मानें तो मोसावी से मिली सूचना पर एफबीआई अधिकारियों…..
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