तीन कृषि कानूनों के खिलाफ बीते सात महीनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान गुरुवार से प्रतिदिन जंतर-मंतर पहुंचकर प्रदर्शन करेंगे और अपनी मांगें रखेंगे। इसका एलान उन्होंने पहले ही कर दिया था। प्रदर्शन के लिए प्रतिदिन सिंघु बॉर्डर से 200 किसान जंतर-मंतर जाएंगे। आज से शुरू होने वाले इस विरोध प्रदर्शन के लिए सोनीपत से 200 किसानों का समूह रवाना हो चुका है। इसके मद्देनजर आज सुबह से ही जंतर-मंतर पर सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की गई है। भारी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है।

गुरुवार से शुरू हो रहे किसानों के इस प्रदर्शन में रोज 200 से ज्यादा किसान शामिल नहीं हो सकेंगे। साथ ही उन्हें कोरोना प्रोटोकॉल का भी ध्यान रखना होगा। न्यूज एजेंसी पीटीआई के सूत्रों के मुताबिक दिल्ली पुलिस की ओर से भी प्रदर्शन की परमिशन मिल चुकी है। बताया जा रहा है कि किसान सिंघु बॉर्डर से पुलिस एस्कॉर्ट में जंतर-मंतर तक ले जाए जाएंगे। खास बात ये है कि इस वक्त संसद का मानसून सत्र भी चालू है जो 13 अगस्त तक चलेगा।

किसान संगठनों की मंगलवार को दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के साथ मीटिंग हुई थी। इसके बाद किसानों ने कहा था कि वे मानसून सत्र के दौरान जंतर-मंतर पर ही किसान संसद लगाएंगे। इस दौरान वे शांतिपूर्ण प्रदर्शन करते हुए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग करेंगे। इस दौरान कोई भी प्रदर्शनकारी संसद में नहीं जाएगा।

केंद्र और किसान दोनों अड़े
देश के किसान नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले साल दिसंबर से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। इस दौरान किसान संगठनों की केंद्र सरकार से 10 दौर की बातचीत भी हो चुकी है, लेकिन कोई समाधान नहीं निकल सका है। किसान तीनों कृषि कानून रद्द करने की मांग पर अड़े हैं। वहीं केंद्र सरकार का कहना है कि वह किसानों की मांगों के मुताबिक कानूनों में बदलाव कर सकती है, लेकिन कानून वापस नहीं लिए जाएंगे।

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