गत दिनों चुनाव प्रचार के दौरान सियासी नुमांइदों ने काफी सक्रियता के साथ जनता जनार्दन से कहा था कि अगर हम सत्ता में आने में कामयाब हो पाते हैं तो महज 10 दिनों या फिर महज 20 दिनों के भीतर किसानों का कर्जा मांफ कर देंगे और अब इसी कड़ी में अन्नदाता किसान दिल्ली की सड़कों पर आंदोलन के लिए लामबंद हो चुके हैं.

बता दें कि अन्नदाता किसान केंद्र की सत्ता पर काबिज सरकार के खिलाफ लामबंद करने के लिए तैयार हो चुकी है. देशभर के विभिन्न राज्यों से किसान रामलीला मैदान आंदोलन के लिए पहुंच रहे हैं. वैसे तो ये किसान गत गुरुवार से ही पहुंचने लगें लेकिन अब धीरे-धीरे किसानों की तदाद बढ़ती जा रही है.

इसी बीच किसी भी प्रकार की कोई अप्रिय घटना न घटे इसके लिए सरकार ने 3500 पुलिसकर्मियों को तैनात किया है जो वहां पर बेहद मुस्तैदी से तैनात हैं ताकि कोई भी अप्रिय घटना हो तो उस पर काबू पाया जा सकें.

इतना ही नहीं, इस बार पुरुष किसान के साथ महिला किसान भी काफी भारी संख्या में रामलीला मैदान आंदोलन के लिए पहुंच रहे हैं. मीडिया से मुखातिब होते हुए आंदोलनकारी किसानों ने कहा हम यहां पर केवल केंद्र सरकार से तीन मांग है.

पहली मांग: किसानों की कर्जमांफी हो.

दूसरी मांग: समर्थन मुल्य को बढ़ाया जाए.

तीसरी मांग: संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान किसानों के हित के लिए विशेष बिल लाया जाए.

बता दें कि किसानों इस बार रामलीला मैदान से लेकर संसद तक मार्च करने की तैयारी में है. रामलीला मैदान में भारी संख्या में किसानों के मुखर आंदोलन के चलते वहां पर यातयात की कमी से लोगों को जुझना पड़ रहा है. वहीं, दूसरी तरफ इस आंदोलन के चलते लोगों को ट्रफिक जाम का सामना करना पड़ रहा है.

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