भोपाल। एक नहीं, दो नहीं बल्कि तीन शादियां… परिवारिक विवादों को लेकर प्रचलन में कई मामले और धोखे की गर्त में लपेटकर उन्होंने आईएएस अवार्ड ले लिया। पीड़ित पत्नी दस्तावेजों के साथ कई दरवाजे खटखटा चुकी, लेकिन रसूख ऐसा है कि शिकायतों पर कोई अमल नहीं हो पा रहा है।
मामला नगरीय प्रशासन में उच्च पद पर पदस्थ आईएएस संतोष वर्मा से जुड़ा है। कुछ साल पहले धार जिले में पदस्थ रहने के दौरान उन्होंने हर्षिता वर्मा के साथ गुपचुप तरीके से शादी की। कई साल तक वैवाहिक जीवन भी गुजारा और पहली पत्नी से मामला छिपाए रखने के लिए हर्षिता के करीब चार बार गर्भपात भी करवाए। पासपोर्ट से लेकर कई दस्तावेज में संतोष वर्मा ने बहैसियत पति दस्तखत भी किए। इसके बाद संबंधों में आई खटास के चलते मामला अदालत की दहलीज चढ़ गया। सूत्रों का कहना है कि इसी दौरान वर्मा की प्रमोशन फाइल ने भी गति पकड़ ली। लेकिन अदालती मामलों ने उनके आईएएस अवार्ड के बीच बाधा खड़ी कर दी। बताया जाता है कि आनन फानन की गई कोशिशों का नतीजा यह हुआ कि अदालती मामलों को अपने पसंद के कोर्ट तक भी पहुंचा दिया गया और मशक्कत से इनके फैसले अपने पक्ष में भी करवा लिए गए। नतीजा यह हुआ कि महीनों से बंद पड़ा लिफाफा ऐन आखिरी वक्त पर संतोष वर्मा के लिए आईएएस अवार्ड का तमगा लेकर आ गया।
फिर हुई साजिश वाली शिकायत
सूत्रों का कहना है कि बरसों पति पत्नी के तौर पर साथ रहने, हर्षिता को रहने के लिए इंदौर में आलिशान बंगला और महंगी गाड़ी दिलवाने वाले संतोष वर्मा ने इंदौर के लसुड़िया थाना में शिकायत दर्ज कराई है। जिसमें उन्होंने हर्षिता द्वारा उन्हें ब्लैक मेल करने का आरोप लगाया है। कहा जा रहा है कि ये शिकायत महज उन मामलों को दबाने की कोशिश है, जिनके चलते संतोष वर्मा के प्रमोशन पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।
तीन पत्नियों की मौजूदगी भी बनेगी मुश्किल
सूत्रों का कहना है कि संतोष वर्मा ने शादी शुदा होने के बावजूद हर्षिता से गुपचुप विवाह किया। इसके अलावा उनकी एक पत्नी भोपाल में भी है। सरकारी सेवा में पदस्थ इस महिला को वर्मा ने अपने रसूख के चलते ट्रांसफर भी करवा दिया और उसको रहने के लिए भोपाल की एक पाश कालोनी में बंगला भी दिलवा दिया है।
अब शिकायतें यहां से वहां तक
अदालती मामलों को छिपाने, एक से अधिक शादी करने और सरकार को गुमराह करने को लेकर हर्षिता वर्मा ने कई विभागों में शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग में शिकायत कर संतोष वर्मा को दिए गए प्रमोशन को निरस्त करने की मांग की है। इसके अलावा कई विभागों में पहुंची इस शिकायत के समर्थन में हर्षिता ने अपने गर्भपात की रिपोर्ट, जिसमें संतोष वर्मा ने पति के रूप में हस्ताक्षर किए हैं, संतोष वर्मा के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों से जुड़े दस्तावेज, सामान्य प्रशासन विभाग से आरटीआई के तहत मिली जानकारी आदि दस्तावेज प्रस्तुत किए हैं।
अब साधी चुप्पी
इस मामले को लेकर अब तक संतोष वर्मा कहते आए हैं कि मामला अदालत में विचाराधीन है, इसलिए कुछ कहना मुनासिब नहीं है। लेकिन अब जबकि इस बात की परतें खुलने लगी हैं कि उनके द्वारा लसुड़िया थाना में दर्ज किया गया मामला अपनी धोखाधड़ी से बचने का एक हथकंडा मात्र है, उन्होंने चुप्पी धारण कर ली है। मामले को लेकर उनका पक्ष जानने के लिए किए व्हाट्सएप मैसेज पर वे नो रिप्लाई की तख्ती लेकर खड़े हो गए हैं।