बिहार में अलग-अगल तरह के फर्जीवाड़े का मामला सामने आते रहता है. फर्जी शैक्षणिक प्रमाण-पत्र के सहारे बड़े पैमाने पर शिक्षक नियुक्ति का मामला पिछले दिनों काफी चर्चा में रहा है. इस मामले में सैकड़ों शिक्षकों की नियुक्ति रद्ध की जा चुकी है. सैकड़ों मामले अभी भी कोर्ट में लंबित हैं. अब बिहार के गया जिले में फर्जी जाति प्रमाण-पत्र पर चुनाव लड़ कर जिला परिषद की अध्यक्ष बनने का मामला सामने आया है. शिकायत मिलने के बाद गया के जिला पदाधिकारी ने जब जांच करने का आदेश दिया तो मामला सही पाया गया. जिला पदाधिकारी ने जिला परिषद अध्यक्ष के पद पर करुणा कुमारी के निर्वाचन को रद्ध करने की अनशंसा राज्य निर्वाचन आयोग से की है. साथ ही उनपर प्राथमिकी दर्ज करते हुए दोषी सरकारी कर्मचारियों पर भी कार्रवाई करने का आदेश दिया है. इस मामले में जिप अध्यक्ष करुणा कुमारी की छोटी बहन किरण कुमारी पर भी मुकदमा दर्ज करने की बात कही जा रही हैं.
फर्जी जाति प्रमाण-पत्र पर जीत कर आए एक अन्य जिप सदस्य पप्पू कुमार और गया जिले के मोहनपुर प्रखण्ड़ के मटिहानी ग्राम पंचायत के मुखिया तुला प्रसाद का भी निर्वाचन रद्ध करने की अनुशंसा की गई है. हालांकि मामला सामने आने के बाद भी जिप अध्यक्ष करुणा कुमारी और इनके परिवार के सदस्यों द्वारा लगातार इस बात को नकारा जा रहा था कि आरोप सही नही है. गया के जिला पदाधिकारी कुमार रवि से, संबंधित क्षेत्र के लोगों ने लिखित शिकायत की थी कि जिला परिषद निर्वाचन क्षेत्र संख्या 25 गुरूआ से निर्वाचित होने वाली करुणा कुमारी, जिला परिषद निर्वाचन संख्या 34 डोभी से निर्वाचित होने वाले पप्पू कुमार और मोहनपुर प्रखंड मटिहानी ग्राम पंचायत से मुखिया पद पर निर्वाचित होने वाले तुला प्रसाद का जाति प्रमाण-पत्र गलत है. इस शिकायत पत्र को निर्वाचन आयोग के पास भेजा गया. आयोग ने इस मामले की जांच करने की जिम्मेवारी डीएम कुमार रवि को सौपा.
डीएम की जांच में तीनों जनप्रतिनिधियों का जाति प्रमाण-पत्र गलत पाया गया. गया के डीएम के आदेश पर गुरूआ के अंचल पदाधिकारी रेमीष केरकट्टा ने 13 अक्टूबर 2016 को जिला परिषद सदस्य करुणा कुमारी, डोभी के अंचल पदाधिकारी ने 3 अक्टूबर को जिला परिषद सदस्य पप्पू कुमार तथा मोहनपुर के अंचल पदाधिकारी ने 14 अक्टूबर 2016 को मुखिया तुला प्रसाद के जाति प्रमाण-पत्र को रद्ध कर दिया. करुणा कुमारी दांगी जाति का प्रमाण-पत्र देकर जिला परिषद सदस्य का चुनाव लड़ी थीं. जबकि इनकी जाति कुशवाहा है, यह जाति आरक्षित वर्ग में नहीं आती. जिला परिषद का गुरूआ निर्वाचन क्षेत्र अतिपिछड़ा के लिए आरक्षित है. राज्य सरकार ने दांगी को अतिपिछड़ा वर्ग में शामिल किया है. जिला पदाधिकारी ने संबंधित अधिकारियोंं को आदेश दिया है कि फर्जी जाति प्रमाण-पत्र पर चुनाव लड़ने वाले तीनों जनप्रतिनिधियों का जाति प्रमाण-पत्र बनाने वाले सरकारी कर्मियों को चिन्हित कर कार्रवाई की जाय.
करुणा कुमारी का निर्वाचन आयोग से चुनाव रद्ध होता है, तो जिला परिषद् की अतिपिछड़ा सीट से जीत कर आने वाली एकमात्र महिला लक्ष्मीनिया देवी फिलहाल अध्यक्ष पर काबिज हो सकती हैं. करुणा कुमारी के गलत जाति प्रमाण-पत्र पर चुनाव लड़ने का मामला तब सामने आया, जब करुणा कुमारी तथा इनके पति चुनावी रंजिश को लेकर अपने क्षेत्र के लोगों को तंग करने लगे. इन्हें वोट नहीं देने वाले कई शिक्षकों को इन्होंने स्कूल में जाकर जांच के बहाने प्रडताड़ित किया.