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नई दिल्ली : ईवीएम में गड़बड़ी को लेकर उठ रहे सवालों पर चुनाव आयोग का ईवीएम हैक चैलेन्ज आज सुबह 10 बजे शुरू हो गया है. जानकारी के अनुसार चुनाव आयोग ने कुल 14 ईवीएम मशीनों को चैलेंज के लिए रखा है. हैरत की बात यह है ईवीएम की सत्यता पर ऊँगली उठाने के लिए कई राजनीतिक पार्टियाँ सामने आयीं थीं लेकिन जब इसे साबित करने की बात आई तब पार्टियों ने इससे किनारा कर लिया और महज दो ही दल के प्रतिनिधि इस चैलेन्ज में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे है.

सीपीएम और एनसीपी के प्रतिनिधि वहां पर पहुंचे थे. दोनों ही दलों के प्रतिनिधियों को चार-चार ईवीएम दी गई थी. लेकिन दो घंटे बाद सीपीएम और एनसीपी ने साफ किया कि वे केवल प्रक्रिया को समझने आए थे. उन्होंने चुनाव आयोग की चुनौती स्वीकार नहीं की थी. चुनाव आयोग ने भी कहा कि राजनीतिक दलों ने ईवीएम को लेकर दी गई चुनौती को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है.

जानकारी के मुताबिक़ राजनीतिक दलों के ये लोग एथिकल हैकर्स हैं. ये लोग इलेक्ट्रॉनिक की फील्ड से हैं. बता दें कि सीपीएम ने पहले ही मान लिया है कि ईवीएम टैंपर प्रूफ है. लेकिन वह एक मौके का इस्तेमाल करना चाहती हैं और देखना चाहती है कि क्या कुछ ऐसा हो सकता है.

इस पूरे चैलेन्ज के दौरान मीडिया को दूर रखा गया था. ईवीएम पर उठ रहे प्रश्नों का जवाब देने और संस्था पर लोगों का विश्वास बनाए रखने के लिए ईवीएम हैकेथॉन (EVM hackathon) का आयोग 3 जून को किया है.

चुनाव आयोग के प्रवक्‍ता ने कहा कि ‘ईवीएम चैलेंज तय समय पर होगा. यह सुबह 10 बजे शुरू होगा और दोपहर दो बजे तक चलेगा. एनसीपी और माकपा ने इसके लिए अपने तीन-तीन प्रतिनिधि नामांकित किए हैं. चैलेंज एक साथ दो अलग-अलग हॉलों में आयोजित किया जाएगा’.

चुनाव आयोग द्वारा ईवीएम चैलेंज के लिए उत्तर प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड के ‘स्ट्रांग रूम’ से 14 इलेक्‍ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) मंगाई हैं, जिनका उपयोग हालिया विधानसभा चुनाव में किया गया था. आयोग के सूत्रों ने कहा कि हर प्रतिभागी पार्टी अधिकतम चार ईवीएम का उपयोग कर सकती है, लेकिन अतिरिक्त मशीनें ‘बैक अप के तौर’ पर रखी गई हैं.

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