नई दिल्ली : चुनाव आयोग ने अब मतदान को फर्जी बताने वाले लोगों को ईवीएम मशीन हैक करने का खुला चैलेन्ज दिया है. इन लोगों में खासकर AAP, कांग्रेस, सपा और टीएमसी ने ईवीएम में छेड़छाड़ का आरोप लगाया है. अभी हाल ही में उत्तर प्रदेश में हुए विधान सभा चुनाव के बाद बसपा सुप्रीमों मायावती ने भी ईवीएम की विश्वसनीयता पर जमकर सवाल उठाए थे. हालांकि जब-जब पार्टियों ने ईवीएम पर सवाल उठाए चुनाव आयोग ने आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया.
लेकिन अब जाकर चुनाव आयोग ने भी सभी पार्टियों को ओपन चैलेंज दिया है. इसके लिए बकायदा आयोग की ओर से पार्टियों को 4-4 घंटे का वक्त दिया जाएगा, ताकि वो ईवीमए में मनमुताबिक बदलाव करके दिखाएं.
चुनाव आयोग के मुताबिक सभी 7 राष्ट्रीय दल और 48 राज्य स्तरीय दलों को खुली चुनौती में हिस्सा लेने के लिए 3 जून से बारी-बरी बुलाया जाएगा. इसके लिए आयोग चुनौती स्वीकार करने वाले दलों को हाल ही में संपन्न हुए 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव के किसी भी मतदान केन्द्र की EVM के साथ छेड़छाड़ करने के लिए 4 घंटे का वक्त देगा. हालांकि आयोग ने साफ कर दिया है कि इंटरनल पार्ट्स बदलने नहीं दिया जाएगा, क्योंकि AAP नेता ने चंद सेंकेंड में मदरबोर्ड बदलने का दावा किया था.
दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने एमसीडी चुनावों के बाद मिली करारी हार के बाद भी फर्जी मतदान को अपनी हार का कारण बताया था. केजरीवाल ने यह तक कह दिया था कि ईवीएम में आसानी से छेड़छाड़ की जा सकती है और फिर मनचाही पार्टी को वोट जाएगा फिर चाहे मतदाता किसी भी पार्टी को वोट क्यों ना से ले. इसी महीने के पहले हफ्ते में विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया था, जिसमें AAP के विधायक सौरभ भारद्वाज ने एक ईवीएम टाइप मशीन की लाइव टेंपरिंग का लाइव डेमो दिखाया था. सौरव भारद्वाज ने दावा किया था कि महज 90 सेंकेंड में ईवीएम को हैक किया जा सकता है, जिससे राजनीति गलियों में हलचल मच गई थी.