भोपाल। महामारी के दौर में बने हालात में नियमों का दोहरापन लोगों की नाराजगी का कारण बन रहा है। जहां आमजन को सोशल डिस्टेंस से लेकर मॉस्क लगाने की अनिवार्यता के नाम पर सजा दी जा रही है, वहीं नेता इन सबसे आजाद हैं। बुधवार को शहर में राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया से मिलने वाले उनके समर्थकों ने कोविड नियमों का जमकर मखौल उड़ाया, लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई। यही काम अगर किसी आम व्यक्ति द्वारा किया जाता तो उसके लिए नियमों की दस बाधाएं खड़ी हो जातीं और उसको सजा से भी दो-चार होना पड़ता।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी सचिव चौधरी वाहिद अली खान ने कहा कि सिंधिया के समर्थकों ने उनकी एक झलक देखने, हाथ मिलाने या उनसे दो बात करने के लिए सारादिन जमकर भीड़ लगाए रखी। इस दौरान अधिकांश कार्यकर्ता बिना मॉस्क के मौजूद थे, जबकि सोशल डिस्टेंस की धारणा यहां बेमानी हो गई थी। ऐसे हालात में प्रशासन द्वारा आम लोगों पर इन नियमों का पालन कराने के लिए दबाव बनाना कहां तक उचित है। चौधरी ने कहा कि इससे पहले भी भाजपा के बड़े नेता अपनी मनमानियां करते रहे हैं। मॉस्क न लगाने और चुनावी रैलियों के नाम पर भीड़ जमा करने के लिए चर्चाओं में रहे हैं। लेकिन इनके खिलाफ कभी कोई कार्यवाही नहीं की गई। चौधरी वाहिद ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से निवेदन किया है कि इस नाजुक दौर में जब सभी धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रमों पर पाबंदी लगाई गई, ऐसे में राजनीतिक आयोजनों के नाम पर भीड़ जमा होने के हालात को भी सख्ती से रोका जाना चाहिए।