नई दिल्ली, (विनीत सिंह) : रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने बुधवार को ओड़िशा के अब्‍दुल कलाम द्वीप से इंटरसेप्‍टर मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया है। इंटरसेप्‍टर मिसाइल की मदद से दुश्मन की बैलिस्टिक मिसाइल को हवा में ही नष्ट किया जा सकता है। इस मिसाइल में कम उंचाई पर आ रही किसी भी बैलिस्टिक शत्रु मिसाइल को नष्ट करने की क्षमता है।

इस मिसाइल का एक महीने से कम समय में यह दूसरी बार परीक्षण किया गया है और यह बहु स्तरीय मिसाइल रक्षा प्रणाली विकसित करने के प्रयासों का एक हिस्सा है।

इंटरसेप्टर 7.5 मीटर लंबा मजबूत रॉकेट है जो नौवहन प्रणाली, हाईटेक कंप्यूटर की मदद से गाइडेड मिसाइल से संचालित होता है। एक स्वचालित अभियान के तहत रडार आधारित प्रणाली ने शत्रु की बैलिस्टिक मिसाइल की पहचान की जाती है।

बाद में रडार से मिले डाटा की मदद से कंप्यूटर नेटवर्क दुश्मन की बैलिस्टिक मिसाइल का रास्‍ता पता लगाता है। निर्देश मिलते ही इंटरसेप्‍टर को टार्गेट पर हमला करने के लिए छोड़ दिया जाता है।

पिछले साल भारत में स्वदेशी सुपरसोनिक इंटरसेप्टर मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था। उस वक्‍त इसी तरह के परीक्षण में इंटरसेप्टर के लिए पृथ्वी मिसाइल के नेवल एडिशन को टार्गेट के तौर पर स्थापित किया गया था। इस लक्ष्य को बंगाल की खाड़ी में खड़े पोत से छोड़ा गया था।

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