भोपाल। करीब 15 बरस से प्रभारी के रूप में जिला खनिज अधिकारी की गलतियां उजागर हैं। उनकी सांठगांठ से सरकार को होने वाला करोड़ी नुकसान भी जाहिर हो चुका है। लेकिन सजा की बारी आई तो बलि कुछ निचले कर्मचारियों की चढ़ाने की तैयारी कर ली गई है।

मामला धार जिले में हो रहे अवैध खनन से जुड़ा है। जिला मुख्यालय पर करीब 15 बरस से प्रभार के रूप में खनिज अधिकारी बने बैठे एमएस खतोडिय़ा का मूल पद बाबू बताया जाता है। बरसों से खनिज माफियाओं से गठजोड़ कर काम कर रहे खतोडिय़ा के उच्च सूत्र इतने मजबूत बताए जाते हैं कि सैंकड़ों शिकायतों के बाद भी उनके खिलाफ कोई अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। ताजा मामला 9 जून को जिले की मनावर तहसील में पकड़े गए करीब 30 करोड़ रूपए के अवैध खनन के मामले में विभाग के कुछ छोटे कर्मचारियों पर गाज गिराने की तैयारी कर ली गई है। बताया जा रहा है कि नर्मदा बचाओ आंदोलन नेत्री मेघा पाटकर और विधायक डॉ हीरालाल अलावा की अगुवाई में हुई छापेमार कार्यवाही को ठंडा करने के लिए खानापूर्ति के लिए ये कार्यवाही की जा रही है।

खटोडिय़ा ऐसे जिम्मेदार
=कई बार की शिकायतों पर न जांच की गई और न अवैध खनन रोकने के कोई प्रयास
=सीएम हेल्पलाइन पर भी झूठी रिपोर्ट पेश कर अवैध खनन से इंकार किया गया
=मेघा पाटकर और विधायक डॉ हीरालाल अलावा द्वारा मनावर तहसील के रतवा और बड़दा क्षेत्रों में अवैध खनन पाया गया
=करीब 30 करोड़ रुपए की लागत की एक करोड़ टन अवैध रेत को कब्जे में लेने के बजाए रेत माफियाओं के गोडाउन पर पहुंचा दिया गया
=अवैध खनन में लिप्त पोकलेन मशीन, डंपर, ट्राली आदि की जब्ती नहीं की गई
=इस मामले में लिप्त लोग चिन्हित होने के बाद भी इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई

दे डाली जिला खोदने की इजाजत
सूत्रों का कहना है कि धार जिले में विभिन्न क्षेत्रों से खनन के लिए शिवा कॉरपोरेशन को करीब 2 करोड़ 10 लाख रुपए में ठेका दिया गया है। ठेका शर्त में मनावर, धरमपुरी और कुक्षी तहसील में स्थित नर्मदा पट्टी की ग्रीन बेल्ट से खुदाई नहीं करना भी शामिल है। लेकिन शिवा कॉरपोरेशन और जिला खनिज अधिकारी एमएस खतोडिय़ा की मिलीभगत से सबसे ज्यादा अवैध खनन इन तहसीलों से ही की जा रही है। सूत्रों का कहना है कि शिवा कॉरपोरेशन द्वारा जिले के छोटे खनिज कारोबारियों से भी चौथ वसूली की जा रही है।

काले सोने की रायल्टी भी दोषी
सूत्रों का कहना है कि जिला खनिज अधिकारी एमएस खतोडिय़ा द्वारा जिले की सीमा से गुजरने वाले कोयला की रॉयल्टी को लेकर भी बड़ा भ्रष्टाचार किया जा रहा है।

इनका कहना है
रेत माफियाओं को संरक्षण देने को लेकर जिला खनिज अधिकारी और अन्य विभागीय लोगों की शिकायत कलेक्टर से लेकर मंत्री तक को की गई है। करीब पन्द्रह दिन गुजर जाने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई है। इससे रेत माफियाओं के हौसले बुलंद हो रहे हैं।
डॉ हीरालाल अलावा,
विधायक

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