कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी को मनाया जाने वाला त्यौहार धनतेरस अपने साथ बहुत सारी खुशियां और अपनों का साथ लाती है. यह दिन बहुत खास होता है क्योंकि इस दिन धनतेरस के दिन ही भगवान धनवन्तरी का जन्म हुआ था. इस दिन धन के देवता धन्वंतरि और कुबेर की पूजा की जाती है.
इतना ही नही सेहत के लिए इस दिन धन्वन्तरी देव के लिए व्रत भी रखा जाता है और धन सम्पन्नता के लिए कुबेर की पूजा की जाती है. इस दिन लोग खरीदारी करते हैं. इस दिन खरीदी गई चीजें बहुत ही शुभ माना जाता है. लेकिन धनतेरस के दिन कुछ खास बातों का ख्याल रखना चाहिए, नहीं तो ये आपके घर में सुख-शांति की जगह कलह पैदा कर देगा. तो आइए जानते हैं किन चीजों को करना शुभ होता है और किन चीजों को गलती से भी नही करना चाहिए-
> दिवाली से पहले घर की साफ़-सफाई की जाती है. लेकिन याद रहे कि सारी सफाई के धनतेरस के पहेल ही निपटा लें. धनतेरस के दिन सफाई करना ठीक नही होता है.
> अगर आप धनतेरस पर सिर्फ कुबेर की पूजा करने वाले है तो धन्वन्तरी देवता की उपासना जरूरे.
> अगर आप दीपावली के लिए शॉपिंग बाद में करना चाहते हैं तो ये गलत निर्णय हो सकता है. इसलिए दिवाली की शॉपिंग आज के ही दिन कर लें. चाहे वो गणेश-लक्ष्मी की मूर्तियां हो या अन्य पूजन सामग्री सभी चीजें धनतेरस के ही दिन खरीद लें.
> अगर आप धनतेरस के लिए कोई धातु खरीदनें जा रहे हैं तो भूलकर भ्ाी लोहा ना खरीदें. इस दिन लोहा खरीदना अच्छा नही माना जाता है. ऐसा करने से घर में लक्ष्मी जी का नहीं, दरिद्रता का वास हो जाएगा.
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धनतेरस के दिन ये काम करना होगा शुभ –
धातु का बर्तन खरीदना सबसे शुभकारी होता है. बर्तन अगर पानी का हो तो और भी अच्छा होता है. इस दिन आप गणेश लक्ष्मी की मूर्तियां खरीद कर दिवाली पूजा की तैयारी कर सकते हैं. लेकिन ध्यान रहे कि गणेश लक्ष्मी की मूर्तियां अलग-अलग होनी चाहिए. एक साथ दोनों लोगों की मूर्ति अच्छी नही मानी जाती है. साथ ही खील बताशे और मिट्टी के दीपक, एक बड़ा दीपक भी जरूर खरीदें.
स्वर्ण-रजत धातु खरीदी का शुभ मुहूर्त
चर : सुबह 9.17 से 10.43 बजे तक
लाभ : सुबह 10.44 से 12.09 बजे तक और शाम 7.27 से 9.01 बजे तक
अमृत : दोपहर 12.10 से 1.35 बजे तक और रात 12.10 से 1.43 बजे तक
शुभ : रात 10.35 से दोपहर 12.09 बजे तक
लक्ष्मी-कुबेर पूजन व दीपदान
प्रदोष कालः शाम 5.53 से रात 7.59 बजे तक