एजीएमयूटी कैडर के बाबुओं का स्थानांतरण हमेशा से केंद्रीय गृह मंत्रालय और अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम, दिल्ली एवं केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों के बीच एक विवादास्पद मुद्दा रहा है. मंत्रालय अब एक समाधान के साथ आगे आया है, जिस पर राज्यों की भी सहमति है. इसके तहत एक संयुक्त कैडर अथॉरिटी (जेसीए) होगी, जिसमें केंद्रीय गृह सचिव, इन राज्यों के मुख्य सचिव और प्रशासक शामिल होंगे. यह अथॉरिटी ही संवर्ग के भीतर सभी तबादले और तैनातियां तय करेगी. वैसे नई योजना को लेकर, सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय गृह सचिव अनिल गोस्वामी को महसूस हो रहा है कि योग्य लोगों की क़ीमत पर अपने बाबुओं को पुरस्कृत करने के लिए कुछ शक्तिशाली मुख्य सचिवों द्वारा जेसीए का इस्तेमाल किया जा रहा है. इस तंत्र का उद्देश्य यह नहीं था. यह एक संवर्ग नियंत्रण प्राधिकारी के रूप में उभर रहा है. अब मुख्य सचिवों की ताकत कम करना एक कठिन काम है, लेकिन केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को जल्द ही कुछ करना पड़ेगा.
मुख्य सचिव की खोज
उम्मीद है कि अगले सप्ताह तक हरियाणा को एक नया मुख्य सचिव मिल जाए, शायद 1982 बैच से. वर्तमान मुख्य सचिव पीके गुप्ता का कार्यकाल 31 दिसंबर को पूरा हो गया है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के लिए दुविधा यह है कि वह राज्य की प्रभावशाली बिल्डर लॉबी के दबाव का विरोध कैसे करें. सूत्रों का कहना है कि खट्टर मुख्य धारा के राजनेता की बजाय एक बाहरी व्यक्ति के रूप में देखे जाते हैं. बिजनेस लॉबी सरकार में अपना प्रभाव बनाए रखने के लिए आरएसएस रूट से कोशिश कर रही है. अब उसके प्रयासों का विरोध कैसे होता है, यह खट्टर पर निर्भर करता है. पर्यवेक्षकों के मुताबिक, चूंकि गुप्ता 1980 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी थे, इसलिए उनके साथी अशोक लवासा, मधुसूदन प्रसाद और संजय कोठारी इस दौड़ से बाहर हैं. अब 1982 बैच के तीन अधिकारियों के लिए मैदान खुला हुआ है. ये हैं, डीएस धेसी, केके जालान और डॉ. दलीप सिंह. लेकिन, इन सबके बीच कोई और नाम भी उभर कर सामने आ सकता है.
नए प्रमुखों की नियुक्ति
वर्ष के अंत तक खुफिया और सुरक्षा संगठनों में शीर्ष स्तर की नियुक्तियों से लगता है कि मोदी सरकार अपने चुने हुए लोगों के साथ 2015 में प्रवेश करेगी. इसमें निदेशक-आईबी के रूप में सक्षम दिनेश्वर शर्मा का नाम सबसे प्रमुख है. रिसर्च एंड एनालिसिस विंग के चीफ की खोज राजिंदर खन्ना के नाम साथ ख़त्म हुई. वहीं रवींद्र सक्सेना को रॉ से ही संबंधित संस्था विमानन अनुसंधान केंद्र का मुखिया बनाया गया है. निश्चित रूप से एक लंबे समय के बाद सरकार ने एक आईपीएस या आईएएस की जगह रॉ सेवा के अंदर से ही किसी अधिकारी को रॉ प्रमुख चुना है, जो एक स्टेट कैडर से है. इस समय केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) का मुखिया बनना किसी के लिए भी आसान नहीं है, क्योंकि अभी इस अर्द्धसैनिक बल की माओवादी विद्रोहियों के साथ लड़ाई जारी है. ऐसे में ओडिशा कैडर एवं 1977 बैच के आईपीएस अधिकारी प्रकाश मिश्रा को इसका मुखिया बनाया गया है.