डीयू में होने वाले स्टूडेंट यूनियन चुनाव में इस बार ना सिर्फ ABVP – NSUI को एक दूसरे से टक्कर लेनी होगी बल्की उन्हें दो और गुटों से भी लड़ना पड़ेगा, क्योंकि दो साल बाद डीयू के चुनाव में आप पार्टी की स्टूडेंट विंग CYSS मैदान में उतरेगी जिसे आइसा की लैफ्ट विंग का समर्थन मिला है. बुधवार को CYSS और AISA ने मिलकर ये ऐलान किया कि 2018-19 का चुनाव ये दोनों मिलकर लड़ेंगे. प्रेसिडेंट और वाइस प्रेसिडेंट की सीट पर AISA के कैडिंडेट तो वहीं सैक्रेटरी और ज्वाइंट सैक्रेटरी के पद पर CYSS के कैंडिडेट होंगे. जल्द ही दोनों अपना मैनिफेस्टो भी लॉन्च करेंगे.
आप लीडर गोपाल राय ने इनके यूनाइटेड पैनल का ऐलान किया. उन्होंने कहा, डीयू में अभी ABVP और NSUI की राजनीति का वर्चस्व है और स्टूडेंट्स से हमें फीडबैक मिला कि वे बदलाव की राजनीति चाहते हैं. अब सीवाईएसएस और आइसा मिलकर ABVP–NSUI की राजनीति को हराएंगे. CYSS के स्टेट प्रेजिडेंट सुमित यादव ने कहा, डीयू का वोटिंग पर्सेंटेज सिर्फ 30 से 40% रहता है और पिछले साल तो 9000 वोट नोटा को गए थे. स्टूडेंट्स तंग आ चुके हैं कि डूसू में एबीवीपी और एनएसयूआई ही आएगी और वही पुरानी हिंसा की राजनीति ही दिखेगी. इस वजह से उन्हें हम दोनों पार्टी मिलकर ही हराएंगे और इसमें आम स्टूडेंट्स ही हमारे कैंडिडेट होंगे. हम दोनों के मुद्दे एक ही हैं, इसलिए हमने साथ मिलकर लड़ने का फैसला किया है.
सुमित ने कहा, पिछले साल केंद्र सरकार ने हायर एजुकेशन को लेकर जो फैसले लिए जैसे अटॉनमी का, सिर्फ CYSS और AISA ने इसके खिलाफ लड़ाई लड़ी. लड़कियों की सुरक्षा के लिए भी दोनों ने आवाज उठाई और काम किए, वरना बाकियों ने सिर्फ दावे किए. AISA की डीयू प्रेजिडेंट कंवलप्रीत कौर ने कहा, डूसू के नाम पर ABVP और NSUI स्टूडेंट्स का शोषण करते रहे हैं. अगर ABVP गुंडागर्दी करती है, तो एनएसयूआई खामोश रहकर उनका साथ देता है. दोनों के बीच करार है कि हम एक-दूसरे के खिलाफ कुछ नहीं बोलेंगे. इस वजह से चार सालों से कैंपस में एकेडमिक फ्रीडम नहीं हैं. इसी के खिलाफ हम दोनों मिलकर असल मुद्दों के लिए लड़ते हुए स्टूडेंटस को ऑप्शन देंगे.