दीपक साठे, जब एयर इंडिया और भारतीय वायुसेना के बहादुर पायलटों का इतिहास लिखा जाएगा,तब आपका नाम स्वर्णाक्षरों से लिखा जाएगा

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दीपक साठे, जब एयर इंडिया और भारतीय वायुसेना के बहादुर पायलटों का इतिहास लिखा जाएगा, तब आपका नाम स्वर्णाक्षरों से लिखा जाएगा ! भारत प्रत्येक नागरिक आपको नमन करता है। लेकिन दीपक साठे जो इस हवाई जहाज़ के कैप्टन थे, पूरा श्रेय आपको जाएगा !

दीपक साठे एयर फोर्स के सर्वश्रेष्ठ पायलटों में एक थे,रिटायरमेंट के बाद वह एयर इंडिया के बोइंग A-320 को उड़ा रहे थे| वह NDA के टॉपर रहे थे और उन्हें ऑनर ऑफ स्वार्ड मिल चुका था !

उनके पिता भी भारतीय सेना के ब्रिगेडियर रह चुके हैं,भारत के लिए अनेक युद्ध लड़ चुके हैं| दुबई से आने वाली इस अभागी फ़्लाइट की बदक़िस्मती थी कि कोझिकोड हवाई अड्डे पर लैंडिंग से पहले हवाई जहाज़ के लेंडिंग गेयर खराब हो गए और जब यह निश्चित हो गया कि लेंडिंग गेयर नहीं खुलेंगे, तब कैप्टन दीपक साठे ने सर्वश्रेष्ठ कौशल औऱ अपने अनुभव का प्रयोग करते हुए हवाई अड्डे के 50 किलोमीटर के दायरे में तीन चक्कर लगाते हुए हवाई जहाज़ की पेट्रोल टंकियों को खाली कर दिया ! ताकि हवाई जहाज़ में लेंडिंग के वक्त आग न लगे !!

लेंडिंग गेयर न खुलने की स्थिति में हवाई जहाज़ को अपने पेट के बल लेंडिंग कराने की मजबूरी थी| काम इसलिए भी बेहद मुश्किल था क्योंकि उस समय उस क्षेत्र में बारिश और तूफान का कहर बरपा हुआ था, हवाई जहाज़ को पेट के बल लैंड कराने से पहले कैप्टन दीपक साठे ने हवाई जहाज़ का इंजिन बंद कर दिया था, बारिश की वजह से विज़िबिलिटी बहुत खराब थी ! हवाई जहाज़ को हवाई पट्टी पर फिसलने की मजबूरी थी |बारिश, हवाई पट्टी पर ढेरो पानी खास बात यह कि हवाई पट्टी भी मरम्मत मांग रही थी|

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