भोपाल। कोरोना काल में मृत व्यक्तियों के लिए सरकारों ने तो अपनी सह्रयता दिखा दी, उनके परिजनों के लिए राहत के दरवाजे खोल दिए हैं, लेकिन लालफीताशाही ने इन राहतों का रास्ता रोक दिया है। नगर निगम और नगर पालिकाओं से बनने वाले मृत्यु प्रमाण-पत्र समय पर न मिल पाने से लोग अपने अधिकार पाने से वंचित हो रहे हैं। इस व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए नई व्यवस्था के तौर पर कब्रस्तानों और श्मशान से ही मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किए जाना चाहिए, ताकि लोगों को इसके लिए यहां-वहां भटकने से निजात मिल सके और सरकारी योजनाओं का समय पर लाभ मिल सके।
ऑल इंडिया मुस्लिम त्यौहार कमेटी अध्यक्ष डॉ. औसाफ शाहमीरी खुर्रम ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लिखी चिट्टी में यह बात कही है। उन्होंने लिखा है कि कोरोना मृतकों के परिजन मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए दर-दर भटक रहे हैं। प्रदेशभर से ऐसी सैकड़ों शिकायतें मिल रही हैं। नगर निगमों, नगर पालिकाओं, पंचायतों के कर्मचारियों द्वारा कोरोना मृतकों के मृत्यु प्रमाण पत्र जानबूझकर समय पर

उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं। डॉ. ख़ुर्रम ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि कोरोना मृतकों के परिजनों को कब्रस्तान तथा श्मशान घाटों से ही मृत्यु प्रमाण पत्र तुरंत उपलब्ध कराए जाएं। इसके लिए नगरीय निकायों एवं पंचायत कर्मचारियों को कब्रस्तानों और श्मशान घाटों के कार्यालयों में ही तैनात करने की यथाशीघ्र व्यवस्था की जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं होने के कारण मृतकों की विधवाओं तथा अनाथ हो चुके बच्चों को यथासमय मुआवजा नहीं मिल पाने के हालात बन रहे हैं, जिससे कई परिवार भुखमरी का शिकार होने की कगार पर पंहुच रहे हैं।

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