नई दिल्ली: रेलवे में यात्रियों को दिए जाने वाले खाने पर हाल ही में कैग की एक रिपोर्ट पेश की गई थी जिसमें बताया गया था कि रेलवे का खाना इंसानों के खाने लायक नहीं है. इस रिपोर्ट के बाद भारतीय रेलवे ने फैसला लिया था कि अब वो नई रणनीति के तहत काम करेगी और खाने की क्वालिटी पर काम किया जाएगा. इस रिपोर्ट को पेश हुए कुछ दिन ही हुए हैं कि अब उत्तर प्रदेश के यात्रियों ने इसका सबूत भी दे दिया है. मंगलवार को पूर्वा एक्सप्रेस में दिए गए खाने में मरी हुई छिपकली मिली है. श्रद्धालुओं का एक ग्रुप झारखंड से यूपी के लिए सफर कर रहा था कि तभी उन्हें वेज बिरयानी परोसी गई, जब ट्रेन पटना के नजदीक थी. इसमें मरी हुई छिपकली मिली जिससे लोगों में हड़कंप मच गया.
इस बिरयानी को खाने के बाद एक व्यक्ति बीमार भी पड़ गया. जब टिकट चेकर और पेंट्रीकार के कर्मचारी से इसकी शिकायत की तो कोई ध्यान नहीं दिया गया. इसके बाद पैसेंजर ने रेलमंत्री सुरेश प्रभु का ट्वीट कर पूरे मामले की जानकारी दी तब जाकर कहीं इस मामले पर संज्ञान लिया गया.
इस ट्वीट का प्रभाव यह पड़ा कि जैसे ही ट्रेन यूपी के मुगलसराय स्टेशन के पास रुकी तो कई वरिष्ठ अधिकारी पहुंचे और बीमार शख्स को दवाइयां दीं. साथ ही कार्रवाई का भरोसा भी दिया.
मुगलसराय स्टेशन के सीनियर ऑफिसर किशोर कुमार ने बताया कि हमारे लिए सबसे बड़ी चिंता यात्री की सेहत को लेकर है. ट्रेन के आने से पहले ही डॉक्टर से उनके स्वास्थ्य को लेकर बातचीत हुो गई थी और उन्होंने दवाई बता दी थी. हम लोग जांच कर रहे हैं और सख्त कार्रवाई करेंगे.
इस घटना के बाद अब रेलवे यात्रियों में खाने को लेकर काफी डर बैठ गया है. यहाँ तक की कैग की रिपोर्ट आने के बाद अब कई लोगों ने रेलवे के खाने को पूरी तरह से छोड़ दिया है.