भोपाल। मुख्यद्वार से लेकर कॉरिडोर तक में दर्जनों लोगों का जमावड़ा… कपड़ों और घरेलू सामान के लगे अंबार… एक तरफ जलता अस्थाई चूल्हा तो दूसरी ओर बिलबिलाते हुए बच्चों की फौज…! न सुरक्षा गार्ड की मौजूदगी और न
सुरक्षित माहौल। अपनी जरूरत के लिए पहुंचे एटीएम से लोग पैसा कम और सुरक्षा की भावना ज्यादा लेकर लौट रहे हैं। मन में एक कसैलापन अलग घर कर रहा है, जो गरीबी, मुफलिसी और मजबूरी के हालात देखकर लोगों के मन पर छा रहा है।
हालात पुराने शहर के कुछ एटीएम के आसपास पसरे हुए हैं। सिंधी कॉलोनी, डीआईजी बंगला, पीजीबीटी कॉलेज क्षेत्र सहित कई स्थानों पर ये नजारे आसान हैं। एटीएम के आसपास मौजूद पर्याप्त जगह को इन दिनों खानाबदोश लोगों ने अपना ठिकाना बना लिया है। बारिश के गहराते हालात के साथ ये स्थिति और बढ़ती जा रही है।
बसा ली पूरी गृहस्थी
शहर के विभिन्न इलाकों में खुले आसमान के नीचे जिंदगी बसर कर रह रहे खानाबदोशों ने इन दिनों एटीएम और उसके कॉरिडोर को अपना आशियाना बना लिया है। बच्चों की चिल्ल पुकार से लेकर कपड़ों और घरेलू सामान से भरी गठरियां तक यहां वहां फैली हुई दिखाई दे रही हैं। आए दिन यहां शराब के नशे में होने वाले विवाद भी लोगों को देखने को मिलते हैं।
न सहूलियत, न सुरक्षा
एटीएम के आसपास डेरा डाले खाना बदोश एंट्री गेट तक फैले हुए हैं। जिससे अधिकांश एटीएम में प्रवेश करना भी मुश्किल भरा लगने लगा है। इसके अलावा यहां से जरूरत की राशि निकालना और उसको सुरक्षित तरीके से घर तक ले जाना भी लोगों के लिए चुनौती भरा लगने लगा है।
हालात ऐसे भी बन रहे
एक महिला ग्राहक हुमा खान बताती हैं कि डीआईजी बंगला चौराहा स्थित एटीएम पर पहुंचने पर एंट्री गेट पर पहुंची तो भूख से बिलबिलाता बच्चा दिखाई दिया। साथ में बेबस मां की आवाज सुनाई दी, कह रही थी कि चुपचाप सो जाओ, मेरे पास तुम्हें खिलाने के लिए कुछ नहीं है। तुम्हारा बाप कुछ कमा कर लाएगा, तब खाने को मिलेगा। हुमा कहती हैं कि इन हालात ने सारा दिन उनके मन में कसैलापन बनाए रखा। लोगों की इस मजबूरी को सोचकर वे व्यथित रहीं। लेकिन एक वक्त का खाना मुहैया करा देने को वे इस स्थिति के स्थाई समाधान के रूप में स्वीकार नहीं कर पाई।
रैन बसेरे मौजूद, लेकिन प्रवेश नहीं
सिंधी कॉलोनी पर मौजूद एसबीआई, आईसीआईसीआई और पीएनबी के एटीएम की श्रृंखला के बीच आशियाना बनाए हुए मंजीत सिकलीगर का कहना है कि क्षेत्र में कई रैन बसेरे मौजूद हैं। लेकिन वहां पहुंचने पर अधिकारी कर्मचारी नियमों और शर्तों की लंबी सूची थमा देते हैं। गरीबों के लिए खड़े किए गए इन स्थानों पर जरूरतमंदों को ही प्रवेश नहीं मिल पा रहा है।
इनका कहना
सुरक्षा के लिहाज से क्षेत्र में लगातार निगरानी रखी जाती है। संदेहियों पर पूरी तरह नजर रखी जाती है। पुलिस पेट्रोलिंग और सीसीटीवी की निगरानी में भी सारे चिन्हित स्थान रखे गए हैं।
नागेंद्र पटैरिया,
सीएसपी, शाहजहानाबाद
अतिक्रमण के हर प्वाइंट को लेकर लगातार कार्यवाही की जा रही है। मानवीय संवेदना को ध्यान में रखते हुए कुछ मामलों में शिथिलता देना पड़ती है।
कमर साकिब,
अतिक्रमण अधिकारी, ननि