अब मुख्यालय तक पहुंची जांच
भोपाल। एक तरफ मुख्यमंत्री प्रदेश में अवैध खनन को लेकर सख्त हैं, दूसरी ओर माफिया अपनी मनमर्जी पर आमादा दिखाई दे रहे हैं। मुखिया जन शिकायतों के निवारण को लेकर फिक्रमंद भी हैं और सीएम हेल्पलाइन को ज्यादा कारगर बनाने की कोशिश कर रहे हैं, इसके विपरित सरकारी अफसरों ने भ्रष्टाचार की गंगोत्री में डुबकी लगाते हुए इस प्रयासों को धराशाई करने का बीड़ा उठा रखा है। अवैध खनन के एक मामले को लेकर सीएम हेल्पलाइन पर की गई शिकायत पर अफसरों ने फर्जी और मनमानी रिपोर्ट पेश कर शिकायत को रद्दी में डालने की सिफारिश कर डाली है। माफिया छाती ठोंककर कह रहे हैं कि अधिकारी ने जांच रिपोर्ट उनकी मंशा के मुताबिक और उनके कहने पर लिखी है। अब मामले की जांच कलेक्टर से होते हुए राजधानी स्थित मुख्यालय तक पहुंच गई है। लेकिन दो महीनों से धूल खा रही इस फाइल पर अब भी अफसरों की नजर पडऩा बाकी है।
मामला खरगोन जिले में किए जा रहे अवैध खनन से जुड़ा है। जिसको लेकर 14 फरवरी 2021 को सीएम हेल्पलाइन पर की गई थी। शिकायत में बताया गया था कि खरगोन जिले के कसरावद ब्लॉक में आने वाले कई ग्रामों में एनजीटी नियमों के खिलाफ किए जा रहे खनन के बारे में उल्लेख किया था। मामले की पहली जांच एक महिला अधिकारी को सौंपी गई थी, जिन्होंने मामले को ये कहकर खारिज कर दिया कि उनके द्वारा कॉल करने पर शिकायतकर्ता ने उनका फोन रिसीव नहीं किया। ये जांच आगे बढ़कर खनिज अधिकारी सावन सिंह चौहान के पास पहुंची तो उन्होंने भी पिछले अधिकारी की टीप को अपना हथियार बनाया। शिकायतकर्ता को कॉल किए बिना ही उन्होंने अपनी रिपोर्ट पेश कर दी। उन्होंने भी जांच रिपोर्ट में यही दर्शाया है कि शिकायतकर्ता को कॉल करने पर उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। शिकायतकर्ता ने सीएम हेल्पलाइन को इस रिपोर्ट से आपत्ति होने पर मामला खरगोन कलेक्टर की तरफ बढ़ा दिया गया। जिन्होंने बिना जांच किए ही इस मामले को मुख्यालय की तरफ इसको बढ़ा दिया है।
माफिया के साथ अफसर भी घेरे में
खरगोन जिले की कसरावद ब्लॉक के कई गांवों में किए जा रहे अवैध खनन की जानकारी खनिज अधिकारियों को भी है। सूत्रों का कहना है कि ये सारा गोरखधंधा अफसरों और माफियाओं की मिलीभगत से ही हो रहा है। यही वजह है कि अफसर सब कुछ जानते भी अवैध खनन से आंखें बंद किए हुए हैं। किसी तरह की पूछताछ और आपत्ति होने पर वे अफसरों से लेकर सरकार तक को भ्रामक जानकारी उपलब्ध करवा रहे हैं।
इनका कहना है
मामले की जांच की जा रही है। अवैध खनन को सख्ती से रोका जाएगा। इसमें अफसरों और कर्मचारियों की भूमिका है तो वह भी बख्शे नहीं जायेंगे।