भोपाल। कबाड़खाना जमीन विवाद को फैसले के लिए फिर एक नई तारीख मिल गई है। अर्जेंट हीयरिंग की इस याचिका में चौथी बार तारीख बदली गई है। १९ फ़रवरी को फैसला दिए जाने को लेकर ट्रिब्यूनल ने हाईकोर्ट से आने वाले फैसले को आधार बनाया है। इस बीच ट्रिब्यूनल ने कबाड़खाना में विवादित स्थान पर जारी निर्माण को रोकने से इंकार कर दिया है।
अर्जेंट हीयरिंग की याचिका पर २१ जनवरी से शुरू हुई सुनवाई के दौरान पहले २३ जनवरी और उसके बाद २७ जनवरी की तारीख दी गई थी। २७ जनवरी को फैसला देने से पहले ट्रिब्यूनल ने इसके लिए १९ फरवरी की तारीख तय कर दी है। इसके लिए आधार जबलपुर हाईकोर्ट में इस मामले के लंबित होने को बनाया गया है। हालांकि विवादित जमीन पर चल रहे निर्माण कार्य को रोकने को लेकर ट्रिब्यूनल ने कोई व्यवस्था नहीं दी है।
अर्जेंट के अर्थ रहे अधूरे
कबाड़खाना जमीन विवाद में इंसाफ की उम्मीद के साथ ट्रिब्यूनल में अर्जेंट हीयरिंग की याचिका दाखिल की गई थी। १९ जनवरी को दाखिल की गई इस याचिका पर पहली सुनवाई २१ जनवरी तय की गई थी लेकिन इस तारीख पर राजदेव ट्रस्ट ने दस्तावेज की अनुपलब्धता के चलते तारीख बढ़ाने की गुजारिश की थी। जिसके बाद अगली तारीख २३ जनवरी तय की गई। इस दिन दोनों पक्षों ने अपने दस्तावेज और दलीलें अदालत में पेश कर दी थी। जिसके बाद ट्रिब्यूनल ने अपना फैसला सुरक्षित करते हुए इसके जाहिर करने के लिए २७ जनवरी की तारीख मुकर्रर की थी। लेकिन इस दिन अदालत ने अपना फैसला मुल्तवी करते हुए इसे हाईकोर्ट के फैसले के बाद सुनाने के लिए १९ फरवरी की तारीख तय कर दी है। गौरतलब है कि कबाड़ख़ाने की विवादित जमीन को लेकर एक मामला हाईकोर्ट में लंबित है, जिसपर १२ फरवरी को फैसला आने की उम्मीद है।
वकीलों से पूछताछ, हुए नाराज़
बुधवार को ट्रिब्यूनल में सुनवाई के दौरान पुलिस की चौकसी दिखाई दी। यहां दो इलाकों के सीएसपी के साथ बड़ी तादाद में पुलिस जवान मौजूद थे। इस दौरान ट्रिब्यूनल बिल्डिंग में दाखिल होने वाले हर व्यक्ति पर सख्त निगरानी रखी जा रही थी। जब अदालत में दाखिल होने वाले वकीलों से पूछताछ की गई और उनके नाम, पते, मोबाइल नंबर आदि की जानकारी कलमबंद की गई तो वकीलों ने इस पर सख्त नाराज़गी जताई।
आनन फानन में हुई सदस्य की नियुक्ति
इधर मप्र वक्फ ट्रिब्यूनल में आनन फानन में एक सदस्य की नियुक्ति की गई है। २६ जनवरी को अवकाश वाले दिन इस नियुक्ति का राजपत्र प्रकाशन किया गया है। एडवोकेट हसन ज़ैदी को आगामी आदेश तक नियुक्त करते हुए उन्हें ट्रिब्यूनल के रिक्त पद पर कार्य करने के लिए कहा गया है। गौरतलब है कि एडवोकेट ज़ैदी भाजपा विचारधारा से ताल्लुक रखते हैं। उनकी नियुक्ति को कबाड़खाना जमीन विवाद से जोड़कर देखा जा रहा है।
कबाड़खाना जमीन विवाद को फैसले के लिए फिर एक नई तारीख मिल गई है। अर्जेंट हीयरिंग की इस याचिका में चौथी बार तारीख बदली गई है। १९ फ़रवरी को फैसला दिए जाने को लेकर ट्रिब्यूनल ने हाईकोर्ट से आने वाले फैसले को आधार बनाया है। इस बीच ट्रिब्यूनल ने कबाड़खाना में विवादित स्थान पर जारी निर्माण को रोकने से इंकार कर दिया है।
खान आशु