हॉलीवुड की फिल्मों में आधुनिक तकनीक से लैस, बिजली की रफ्तार से फर्राटा भरती कारों को देखना हर किसी को पसंद है. इसी वजह से फास्ट एंड फ्यूरियस जैसी फिल्मों को दुनिया भर में सफलता मिली. भविष्य की टोह लेना हमेशा से लोगों की उत्सुकता का केंद्र रहा है. और, बात जब आने वाले समय में सड़क पर फर्राटा भरती चमचमाती एवं खूबसूरत गाड़ियों की हो, तो हर किसी की धड़कन थम-सी जाती है. ऐसा ही नज़ारा ग्रेटर नोएडा में आयोजित हुए 12वें ऑटो एक्सपो में भी देखने को मिला. ऑटोमोबाइल्स की दुनिया की नामी-गिरामी कंपनियां कॉन्सेप्ट कारों के माध्यम से अपनी-अपनी भविष्य की योजनाओं से लोगों को रूबरू करा रही थीं.
सामान्य तौर पर हर कार का निर्माण कॉन्सेप्ट कार के रूप में ही होता है. इसके बाद उसकी फीजेबिलिटी, ड्यूरेबिलिटी, क़ीमत और खरीददार के आधार पर उसे बाज़ार में उतारने का निर्णय लिया जाता है. कई बार इस तरह की कारें मानकों पर खरी नहीं उतरती हैं और कॉन्सेप्ट कार बनकर ही रह जाती हैं. एक कॉन्सेप्ट कार एक आइडिया से रिसर्च, डेवलपमेंट के रास्ते होते हुए प्रोडक्शन लाइन में पहुंचने और मूर्त रूप लेने में दो से पांच साल का वक्त लगता है. आम तौर पर फॉर्मूला वन कारों का निर्माण करने वाली कंपनियां तकनीक की दुनिया पर अपना वर्चस्व दिखाती हैं, जहां रफ्तार को पहली वरीयता दी जाती है, लेकिन कॉन्सेप्ट कारें आधुनिक तकनीक को लोगों तक पहुंचाने का माध्यम होती हैं. हर कंपनी अपनी रिसर्च एवं डेवलपमेंट की क्षमता का प्रदर्शन कॉन्सेप्ट कारों के माध्यम से करती है. वह लोगों के साथ-साथ प्रतिद्वंद्वियों को भी यह दिखाना चाहती है कि तकनीकी के दौड़ में वह किस पायदान पर खड़ी है. इन्हीं वजहों से दुनिया भर में होने वाले ऑटो शो में ये कारें लोगों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र होती हैं, क्योंकि आने वाले कल की झलक उनके सामने होती है.
भारत दुनिया का छठवां सबसे बड़ा कार बाज़ार है, इसलिए विभिन्न कंपनियों ने भारतीय ग्राहकों को लुभाने के लिए इस तरह की गाड़ियां प्रदर्शित कीं. इस तरह की कारों का प्रदर्शन करने पर लोगों के दिमाग में कंपनी की अच्छी छवि बनती है और वे गाड़ियां खरीदते समय उन कंपनियों की गाड़ियों को भी संभावित विकल्पों में शामिल करते हैं. भविष्य में इन्हीं गाड़ियों से कार बाज़ार की तस्वीर तय होगी. ऑटो एक्सपो को आने वाले कल के ऑटो मार्केट का आईना कहा जा सकता है. ऑटो एक्सपो-2014 में प्रदर्शित की गई कॉन्सेप्ट कारों पर एक नज़र:-
बजाज-यू कार
दोपहिया वाहन निर्माता कंपनी बजाज ने भविष्य की योजनाओं के तहत अपनी कॉन्सेप्ट कार यू कार लांच की है. कंपनी ने इस कार का निर्माण भारतीय ट्रैफिक और भीड़भाड़ वाली सड़कों को ध्यान में रखकर किया है. इस कार में चार वॉल्व लिक्विड कूल्ड इंजन और ट्रिपल स्पार्क प्लग हैं. इसमें फ्रंट व्हील ट्रांसमिशन है. यह कार पेट्रोल से चलेगी. अगले दो सालों में इसके बाज़ार में आने की संभावना है.
रेनो-क्विड
फ्रेंच कार निर्माता कंपनी रेनो ने क्विड नामक अपनी कॉन्सेप्ट कार पेश की. यह एक हाइब्रिड कार है. यह पहला मौक़ा है, जब रेनो ने यूरोप के बाहर अपनी कोई कॉन्सेप्ट कार प्रदर्शित की है. उसने यह पहल दुनिया के नए बाज़ारों में धमाकेदार एंट्री करने के लिए की है. दिखने में यह कार एक बग्घी जैसी है. छोटी कार होने के बावजूद यह भारी दिखाई पड़ती है. इस कार का अंदरूनी डिजाइन बेहद खूबसूरत और सुकून देने वाला है. इसका इंटीरियर चिड़िया के घोसले से इंस्पायर्ड है. इसकी सबसे खास बात यह है कि इसका स्टीयरिंग बीच में है. इसे राइट एंड लेफ्ड हैंड ड्राइव वाले देशों में बिना किसी मॉडिफिकेशन के चलाया जा सकता है. कार में सामने तीन लोगों और पीछे दो लोगों के बैठने की जगह है. कार का डैश बोर्ड डिजिटल है और कंट्रोल पैनल ड्राइवर सीट पर ही है. इसमें 1.2 लीटर का पेट्रोल टर्बोजेट इंजन लगा है. साथ ही इसमें इलेक्ट्रिक मोटर भी है. कार में टीएफटी टच स्क्रीन डिस्प्ले है, जो कि डैश बोर्ड का भी काम करता है. स्टाइल, फीचर्स और तकनीक के लिहाज से यह एक बेहतरीन कार है. युवा इस कार से बेहद लगाव दिखा रहे हैं, लेकिन बाज़ार में उतरने के बाद इस कॉन्सेप्ट कार का कॉम्पैक्ट एसयूवी रेंज में डस्टर और इको स्पोर्ट्स जैसी एसयूवी से सीधा मुकाबला होगा. व्यवसायिक दृष्टि से यह कार रेनो के लिए मील का पत्थर साबित हो सकती है.
बीएमडब्ल्यू-आई-8
जर्मन ऑटो कार मेकर बीएमडब्ल्यू ने अपनी नई कॉन्सेप्ट कार आई-8 लॉन्च की. यह कार मिशन इंपासिबल 4 में दिखाई गई थी. इस वजह से यह कार सुर्खियों में थी. कंपनी के अनुसार, 2014 के आख़िर तक इस कार को भारत में लॉन्च कर दिया जाएगा.
महिंद्रा-हालो
भारतीय कार निर्माता कंपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा ने कॉन्सेप्ट इलेक्ट्रि्क कार हालो प्रदर्शित की. यह दो सीटों वाली छोटी कार है. इस कार के पहिए थोड़े बड़े हैं. यह कार शून्य से 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ने में 9 सेकेंड का समय लेती है. इसकी अधिकतम गति 160 किमी प्रति घंटा है. यह तकनीकी रूप से स्पोर्ट्स कार नहीं है, बावजूद इसके यह काफी खूबसूरत एवं सुविधाजनक है. इस कार में एक किक चार्जिंग स्टेशन भी दिया गया है. यह गाड़ी चार्ज होने में एक घंटे का समय लेती है. हालो दो वर्जन में उपलब्ध है, पहला वर्जन 200 किमी रेंज का है और दूसरा 100 से 150 किमी रेंज का. कंपनी का दावा है कि लगभग 15 मिनट या कहें एक कप कॉफी पीने में लगने वाले समय में यह कार अगले 25 किमी तक चलने के लिए तैयार हो जाएगी. अगले तीन सालों में यह कार बाज़ार में उतरने के लिए तैयार हो जाएगी. भारत से पहले इसे विदेशी बाज़ार में लांच किया जाएगा. इस कार को पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से विकसित किया गया है.
मारुति सुजूकी-सियाज़
प्रीमियम सिडान सेग्मेंट में अपनी पैठ बनाने के लिए सुजूकी ने सियाज़ कॉन्सेप्ट कार को लोगों के सामने रखा है. यह कार बेहद खूबसूरत है और अनायास ही सभी को अपनी ओर आकर्षित कर लेती है. मारुति के लिहाज से यह बहुत ही एंबीसियस कार है. आने वाले समय में भारतीय बाज़ार में यह बहुत ज़्यादा पॉपुलर कार हो सकती है. डिजाइन के लिहाज से इसमें ऐसा कुछ नया नहीं है, लेकिन सिंपल एंड सोअर पंसद रखने वालों को यह कार बेहद पसंद आएगी. आशा है कि मारुति जब भी इस कार को बाज़ार में उतारेगी, इसमें वह ज़्यादा से ज़्यादा फीचर्स का इस्तेमाल करेगी.
होंडा-विजन एक्स एस-1
थ्री रो, सेवन सीटर केबिन ले-आउट वाली यह कॉन्सेप्ट कार आलीशान है. इसका केबिन काफी बड़ा है, इसमें दोनों तरफ़ स्लाइडिंग डोर्स हैं. इसमें एंट्री-एग्जिट को काफी आसान बनाया गया है. यह होंडा के मैन मैक्सिमम, मशीन मिनिमम कॉन्सेप्ट (एम-एम) के आधार पर तैयार की गई कार है. इसका मतलब कार में ज़्यादा से ज़्यादा लोगों के बैठने की जगह हो, यानी कार में बैठने वाले लोगों के लिए मैक्सिमम स्पेस और इसके मैकेनिकल पार्ट के लिए कम से कम जगह. इस कार की क़ीमत और इंजन के डिजाइन का खुलासा कंपनी ने नहीं किया है.
शेव्रेले-एड्रा
शेव्रेले एड्रा को जनरल मोटर्स के बंगलुरू सेंटर में देशी ज़रूरतों के हिसाब से डिजाइन किया गया है. इसकी लंबाई भी भारतीय सड़कों के लिहाज से बेहद सटीक है. इसकी लंबाई 4 मीटर से कम है, इसलिए इसकी क़ीमत भी कम रहने की पूरी संभावना है. शेव्रेले भारतीय बाज़ार में अभी बड़ा मुकाम हासिल नहीं कर सकी है. भारत में भारतीयों की ज़रूरत के हिसाब से डिजाइन की गई यह कार कितनी सफल हो पाती है, यह देखना बाकी है.
टाटा-नैनो ट्विस्ट
टाटा मोटर्स ने नैनो को सफल कारों में शामिल करने की ठान ली है. शायद इसीलिए उसने नैनो को एक नए लुक में पेश किया है. नैनो ट्विस्ट नाम से आई कॉन्सेप्ट कार को देखकर ऐसा लगता है कि टाटा के निशाने पर इस बार युवा हैं. टाटा ने नैनो के लुक्स में बहुत बदलाव किए हैं. इसके इंटीरियर में भी व्यापक बदलाव किए गए हैं, जो कि मौजूदा नैनो से बेहतर है. कुल मिलाकर यह एक नई कार दिखाई पड़ रही है. फ्रंट और रियर बंपर के साथ बेहतरीन बोनट ट्रिम दिया गया है. नैनो में पहली बार ओपनेबल टेल का इस्तेमाल किया गया है.
निसान-फ्रेंड एमई कॉन्सेप्ट
जापानी कार कंपनी निसान ने फ्रेंड एमई कार को सबसे पहले पिछले साल शंघाई ऑटो शो में प्रदर्शित किया था. इस कार में स्पोर्टिनेस और डायनमिक डिजाइन का अद्भुत मिश्रण है.
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