कार्यक्रम में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष, वित्त मंत्री अरुण जेटली और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी. देवगौड़ा मंच पर एक साथ बैठे थे. मनमोहन सिंह पहले इस प्रोग्राम में शामिल होने वाले थे, लेकिन कांग्रेस ने जब इस कार्यक्रम का बायकॉट किया तो वे भी नहीं आए.
कांग्रेस ने विपक्षी पार्टियों से अपील की थी कि वो इस मेगा इवेंट का हिस्सा ना बनें, लेकिन इसके बावजूद समाजवादी पार्टी, बीजू जनता दल, एनसीपी और जेडी-यू इसमें शामिल हुईं. एनसीपी प्रमुख शरद पवार और पूर्व यूनियन एविएशन मिनिस्टर प्रफुल्ल पटेल कार्यक्रम में मौजूद रहे. शरद पवार अमित शाह और आडवाणी के साथ पहली लाइन में बैठे. वहीं, सपा की तरफ से रामगोपाल यादव कार्यक्रम में मौजूद थे.
इनके अलावा पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, नेशनल कॉन्फ्रेंस के अब्दुल रहीम, जीएसटी काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष सुशील कुमार मोदी, पश्चिम बंगाल के पूर्व वित्त मंत्री असीम दास गुप्ता, केरल के पूर्व वित्त मंत्री केके. मणि और विजय केलकर भी कार्यक्रम में मौजूद थे. गौरतलब है कि विजय केलकर ने ही 2003 में सबसे पहले जीएसटी कॉन्सेप्ट पर रिपोर्ट तैयार की थी.
इस जीएसटी लॉन्चिंग कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों की कई जानी-मानी हस्तियां भी मौजूद रहीं. इनमें रतन टाटा, आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल, कैग शशिकांत शर्मा, पूर्व कैग विनोद राय और टीएन. चतुर्वेदी, तीनों इलेक्शन कमिशनर्स, नीति आयोग के वाइस चेयरमैन अरविंद पनगढ़िया, मेट्रो मैन ई, श्रीधरन, एस. गुरुमूर्ति, एग्रीकल्चर साइंटिस्ट एमएस स्वामीनाथन, सीबीडीटी चेयरमैन सुशील चंद्रा, सीनियर लॉयर सोली सोराबजी, केके. वेणुगोपाल और हरीश साल्वे शामिल थे.