राजस्थान फिर से उसी परंपरा की तरफ बढ़ रहा है, जहां हर पांच साल बाद सरकार बदल जाती है. विधानसभा की 199 सीटों पर मतगणना जारी है, जिसमें से कांग्रेस 100 और भाजपा 74 सीटों पर आगे चल रही है. वहीं, अन्य को 25 सीटें मिलती दिखाई दे रही हैं. इस बार यहां 74.08% मतदान हुआ था. हालांकि यह पिछली बार से 1.52% कम था. चुनाव बाद हुए 7 एग्जिट पोल्स में कांग्रेस को आगे दिखाया गया था. सिर्फ एक एग्जिट पोल में भाजपा के आगे रहने का अनुमान लगा था.
वहीं छत्तीसगढ़ में 15 साल बाद कांग्रेस की वापसी लगभग तय मानी जा रही है. शुरुआती रूझानों में कांग्रेस 65 और भाजपा 17 सीटों पर आगे चल रही है. कांग्रेस ने हालांकि इस चुनाव में किसी भी नेता का नाम आगे नहीं किया था, लेकिन इस दौड़ में कई नेता आगे हैं, जिनमें प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल, पार्टी नेता टीएस सिंह जूदेव व चरण दास महंत का नाम प्रमुख है. भाजपा ने तीन बार के मुख्यमंत्री रमन सिंह के चेहरे पर ही यह चुनाव लड़ा था. लेकिन इस बार वे यह गढ़ बचाते नहीं दिख रहे हैं.
एक नवंबर 2000 को मध्य प्रदेश से अलग होकर स्वतंत्र रूप से अस्तित्व में आने से पहले अविभाजित राज्य में आपातकाल के बाद कांग्रेस को छह में से चार 1980, 1985, 1993 और 1998 के चुनावों में जीत मिली थी. 90 में से 1980 में 77, 1985 में 74, 1993 में 54 और 1998 में 48 सीटें कांग्रेस को मिली थीं.